भारत-रूस की रणनीतिक साझेदारी को नई मजबूती, राष्ट्रपति मुर्मु से मिला रूसी संसदीय प्रतिनिधिमंडल!

भारत-रूस की रणनीतिक साझेदारी को नई मजबूती, राष्ट्रपति मुर्मु से मिला रूसी संसदीय प्रतिनिधिमंडल!

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नई दिल्ली। भारत और रूस के बीच ऐतिहासिक मित्रता और रणनीतिक साझेदारी को और अधिक सशक्त बनाने के उद्देश्य से, रूसी संघीय विधानसभा के राज्य ड्यूमा के अध्यक्ष महामहिम श्री व्याचेस्लाव वोलोडिन के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने आज (3 फरवरी, 2025) राष्ट्रपति भवन में भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की। इस भेंटवार्ता ने दोनों देशों के बीच बहुपक्षीय सहयोग को और अधिक गहरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रखा।

???? भारत-रूस संबंधों की नई ऊंचाइयां!

राष्ट्रपति मुर्मु ने प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए कहा कि जन प्रतिनिधियों के बीच ऐसे संवाद न केवल द्विपक्षीय सहयोग को सुदृढ़ बनाते हैं, बल्कि इसे अधिक अद्यतन और समसामयिक बनाए रखने में भी सहायक होते हैं। उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित किया कि दोनों देशों के नेताओं के बीच नियमित वार्तालाप और विचार-विमर्श ‘भारत-रूस विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी’ को नई मजबूती दे रहे हैं।

उन्होंने इस ओर भी ध्यान आकर्षित किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच मजबूत नेतृत्व स्तर की बातचीत ने द्विपक्षीय सहयोग को और अधिक ऊर्जावान बनाया है। साथ ही, दोनों देशों की संसदों के बीच भी सहयोग का उच्च स्तर बना हुआ है।

???? अंतर-संसदीय सहयोग और युवा सांसदों की भागीदारी पर जोर

राष्ट्रपति मुर्मु ने अंतर-संसदीय आयोग जैसी व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए कहा कि वे द्विपक्षीय सहयोग को सुगम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने विशेष रूप से भारत और रूस की महिला एवं युवा सांसदों के बीच संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ करने की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे दोनों देशों की युवा पीढ़ी को निकटता से जोड़ने का अवसर मिलेगा।

???? नई दिल्ली पुस्तक मेले में ‘रूस’ फोकस देश, सांस्कृतिक संबंधों को नई ऊंचाई!

राष्ट्रपति ने यह भी उल्लेख किया कि उन्होंने नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले का उद्घाटन किया, जिसमें रूस को ‘फोकस देश’ के रूप में प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने इसे भारतीय पाठकों के लिए रूसी साहित्यिक विरासत को जानने का एक सुनहरा अवसर बताया और दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक एवं कलात्मक क्षेत्रों में मजबूत सहभागिता की आवश्यकता पर बल दिया।

???? भारत-रूस संबंधों का सुनहरा भविष्य!

यह बैठक भारत और रूस के बीच मजबूत होते राजनीतिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक संबंधों का एक सशक्त उदाहरण है। यह न केवल वैश्विक मंच पर भारत-रूस संबंधों को नई दिशा देगा, बल्कि दोनों देशों के नागरिकों के बीच आपसी समझ और सहयोग को भी गहरा करेगा।

???? भारत और रूस की यह साझेदारी आने वाले वर्षों में और अधिक मजबूत होती जाएगी, जिससे दोनों देशों को वैश्विक परिदृश्य में एक नई ऊंचाई मिलेगी! ????????