गाजा पर इस्राइली हमले से तबाही: 69 की मौत, स्कूलों पर भी बरसे बम; हमास ने दी कड़ी चेतावनी

गाजा पर इस्राइली हमले से तबाही: 69 की मौत, स्कूलों पर भी बरसे बम; हमास ने दी कड़ी चेतावनी

गाजा — इस्राइल द्वारा गाजा पर किए गए ताजा हवाई हमलों ने एक बार फिर से खाड़ी क्षेत्र में तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, आज सुबह हुए इन हमलों में कम से कम 69 लोग मारे गए हैं। यह हमला उस समय हुआ है जब युद्धविराम के दूसरे चरण की बातचीत चल रही थी।

हमास की चेतावनी: बंधकों की जान को खतरा

हमास ने इस्राइल के हमलों को युद्धविराम समझौते का खुला उल्लंघन बताया है और चेतावनी दी है कि इससे बंधकों की जान खतरे में पड़ सकती है। हमास ने कहा, “नेतन्याहू और उनकी कट्टरपंथी सरकार ने समझौते का उल्लंघन कर दिया है, जिससे बंधकों का भविष्य अनिश्चित हो गया है।” इस्राइल की ओर से कहा गया है कि यह हमला हमास द्वारा लगातार बंधकों की रिहाई से इनकार किए जाने के कारण किया गया।

इस्राइल ने रोकी सप्लाई, गाजा में भुखमरी के हालात

इस्राइल ने गाजा में खाने, दवाई, ईंधन और अन्य जरूरी चीजों की सप्लाई भी रोक दी है, जिससे गाजा के लोगों के सामने भुखमरी का संकट गहराता जा रहा है। इसके अलावा, बुरेजी इलाके में स्थित शरणार्थी कैंपों पर भी हमले किए गए हैं, जहाँ विस्थापित फलस्तीनियों ने एक स्कूल में शरण ली हुई थी।

लेबनान और सीरिया में भी इस्राइली हमले

गाजा के साथ ही इस्राइल ने लेबनान और सीरिया में भी हवाई हमले किए हैं। सीरिया के दारा इलाके में रिहायशी क्षेत्रों पर बमबारी की गई, जिसमें कई मासूम नागरिक मारे गए। लेबनान में भी दो हिजबुल्ला आतंकियों को मारने का दावा इस्राइल ने किया है।

तनावपूर्ण हालात, स्कूल बंद

इस्राइली हमलों के बाद गाजा पट्टी में सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से घरों में ही रहने की अपील की है। हमले के बाद से पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है और लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश में भटक रहे हैं।

दोनों पक्षों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी

हमास और इस्राइल दोनों ही एक-दूसरे पर युद्धविराम समझौते के उल्लंघन का आरोप लगा रहे हैं। इस्राइल का कहना है कि हमले सिर्फ आतंकवादियों के खिलाफ हैं, जबकि हमास का आरोप है कि इस्राइल ने आम नागरिकों और शरणार्थियों को भी निशाना बनाया है।

क्या होगा आगे?

इस्राइल और हमास के बीच संघर्ष का यह नया अध्याय एक गहरे संकट की ओर इशारा कर रहा है। जब तक दोनों पक्ष बातचीत की राह नहीं अपनाते, तब तक निर्दोष लोगों की जानें इसी तरह जाती रहेंगी। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें अब इस विवाद के समाधान की दिशा में उठाए जाने वाले कदमों पर टिकी हैं।