भारत-फ्रांस एआई नीति गोलमेज सम्मेलन पेरिस में आयोजित

भारत-फ्रांस एआई नीति गोलमेज सम्मेलन पेरिस में आयोजित

भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) के कार्यालय ने बेंगलुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी),  इंडियाएआई मिशन और साइंसेज पो पेरिस के साथ मिलकर 10 फरवरी 2025 को साइंसेज पो पेरिस विश्वविद्यालय परिसर में 'द्वितीय भारत-फ्रांस एआई नीति गोलमेज सम्मेलनशीर्षक से एक कार्यक्रम का आयोजन किया। फ्रांस के पेरिस में एआई एक्शन समिट 2025 के अवसर पर यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।

चर्चा की शुरुआत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय कुमार सूद के उद्घाटन भाषण से हुई। उन्होंने अपने संबोधन में वैश्विक एआई नीति और शासन में भारत की प्राथमिकताओं का उल्लेख किया जिनमें जिम्मेदार एआई विकास और तैनातीसमान लाभ साझाकरणएआई शासन के लिए एक तकनीकी-कानूनी ढांचे को अपनानाअंतर-संचालन योग्य डेटा प्रवाह और एआई सुरक्षाअनुसंधान और नवाचार पर सहयोग शामिल हैं। प्रो. सूद ने भारत और फ्रांस के लिए विभिन्न नीतिगत पदों और तकनीकी पहलों पर तालमेल बिठाने की क्षमता पर भी बल दिया ताकि न केवल द्विपक्षीय स्तर पर बल्कि पूरक ज्ञान और कौशल का लाभ उठाकर वैश्विक स्तर पर भी फायदा उठाया जा सके।

विदेश मंत्रालय के साइबर कूटनीति प्रभाग के संयुक्त सचिव श्री अमित ए. शुक्ला और फ्रांस के यूरोप और विदेश मंत्रालय के डिजिटल मामलों के राजदूत हेनरी वर्डियर ने सह-अध्यक्षीय  वक्तव्य दिया जिसमें (ए) एआई के लिए डीपीआई; (बी) एआई फाउंडेशन मॉडल; (सी) वैश्विक एआई शासन और (डी) वैश्विक चुनौतियों के समाधान में एआई को शामिल करना जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्र शामिल थे। उन्होंने मध्यस्थता तंत्र की कमी वाले सीमा पार डेटा प्रवाह और डेटा संप्रभुता पर विचारों के महत्व का भी उल्लेख किया।

सह-अध्यक्षों के संबोधन के बाद डॉ. प्रीति बंजल (सलाहकार/वैज्ञानिक जीभारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय), श्रीमती कविता भाटिया (वैज्ञानिक 'जीऔर समूह समन्वयकएआई और उभरती प्रौद्योगिकी और भाषिनीइलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय), श्री क्लेमेंट बाची (अंतर्राष्ट्रीय डिजिटल नीति प्रमुखउद्यम महानिदेशालयअर्थव्यवस्था और वित्त मंत्रालय), सुश्री हेलेन कोस्टा (परियोजना निदेशकफ्रांसीसी पारिस्थितिक परिवर्तन मंत्रालय), श्री शरद शर्मा (सह-संस्थापकआईएसपीआईआरटी फाउंडेशन), श्री फ्रांसिस रूसो (एआई पर अंतरराष्ट्रीय तकनीकी विशेषज्ञआईएसपीआईआरटी फाउंडेशन), डॉ. सरयू नटराजन (संस्थापकआप्ति संस्थान), श्री चारबेल-राफेल सेगेरी (कार्यकारी निदेशकसेंटर पोर ला सेक्यूरिट डे एल'आईए), श्री सौरभ सिंह (प्रमुखडिजिटल और एआई नीतिएडब्ल्यूएस इंडिया और दक्षिण एशिया), श्री एलेक्जेंडर मारियानी (अंतर्राष्ट्रीय मामलों के प्रबंधकसाइंसेज पो पेरिस), कपिल वासवानी (प्रमुख शोधकर्तामाइक्रोसॉफ्ट रिसर्च), सुनु इंजीनियर (उद्यमीसह-संस्थापकट्रांसफॉर्मिंग.लीगल), विवेक राघवन (सह-संस्थापकसर्वम एआई) ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।

इन वक्ताओं ने तकनीकी-कानूनी ढाँचों के महत्व को पहचानते हुए एआई संसाधनों तक लोकतांत्रिक पहुंच और क्षमता निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया। प्रतिभागियों ने संप्रभु एआई मॉडलनैतिक आई परिनियोजन और विश्व स्तर पर स्वीकृत शब्दावलियों और मानकों को परिभाषित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। वक्ताओं ने बहुभाषी एलएलएमफ़ेडरेटेड एआई कंप्यूट इंफ्रास्ट्रक्चर और एआई शोधडेटासेट और उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग संसाधनों तक इंटरऑपरेबल पहुंच जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की। बैठक में भारत और फ्रांस के बीच सहयोग पर महत्वपूर्ण चर्चाएं भी शामिल थीं। स्वदेशी नींव मॉडल बनाकर नवाचार को बढ़ावा देते हुए जोखिमों को कम करने के लिए संतुलित शासन दृष्टिकोण अपनाने पर भी चर्चा हुई। एआई  शोधडेटासेट और स्टार्टअप में सीमा पार सहयोग के महत्व के साथ-साथ संधारणीय एआई और ऊर्जा-कुशल कंप्यूटिंग पर प्रकाश डाला गया। बातचीत में एआई के सामाजिक प्रभावडेटा गवर्नेंस और एआई सुरक्षा ढांचों को आकार देने में वैश्विक संस्थानों की भूमिका पर भी चर्चा हुई।

25 जनवरी 2025 को प्रौद्योगिकी संवाद 2025 के दौरान बेंगलुरु में भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी)  में आयोजित पहले गोलमेज सम्मेलन के प्रमुख उद्देश्यों को क्रियान्वित करने पर बल दिया गया। पहले गोलमेज सम्मेलन में समावेशी एआई ढांचेविविध डेटासेटबुनियादी ढांचे और कौशल तथा आधारभूत मॉडलों पर चर्चा की गई थी। इसमें शासन और नवाचारसार्वजनिक-निजी भागीदारीस्थिरता और स्वास्थ्य तथा शैक्षणिक और डेटा सहयोग पर भी चर्चा की गई थी। दोनों चर्चाओं में नैतिक और जिम्मेदार एआई के साथ-साथ क्षेत्र-विशिष्ट और दीर्घकालिक लक्ष्यों पर प्रकाश डाला गया।

अधिक जानकारी के लिए देखें: https://technologydialogue.in/ai-rt-feb.html