मानसिक विकारों को छुपाए न, डरे नहीं बल्कि उपचार कराएं”
अमेठी। शासन के निर्देश पर मानसिक स्वास्थ्य देखरेख अधिनियम 2017 में निहित प्रावधानों व नियमों का पालन करते हुए मानसिक अवसाद से संबंधित विकारों पर जागरूकता की बात सरकार ने कही है। इस संबंध में सीएमओ डा सीमा मेहरा ने जनपद के समस्त सीएससी एवं पीएचसी प्रभारी को निर्देशित किया है कि ग्राम पंचायतों में होने वाली ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति की बैठक में मानसिक विकारों से सबंधित जानकारी लोगो को दी जाए एवं नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर उपचार के लिए भेजा जाए। उन्होंने बताया कि “मानसिक विकारों को कोई छुपाए ना, डरे नहीं बल्कि उपचार कराएं” का नारा देते हुए मानसिक स्वास्थ्य रोगी कार्यक्रम के प्रचार-प्रसार एवं विकारों के रोकथाम के लिए कार्य किया जायेगा।
जनपद के नोडल अधिकारी डा संजय कुमार ने बताया कि जिला चिकित्सालय एवं चिन्हित आठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिंहपुर, तिलोई, फुरसतगंज, अमेठी, मुसाफिरखाना, जगदीशपुर एवं बाजार शुकुल में प्रत्येक गुरुवार को मन चेतना दिवस मनाया जाएगा। सीएससी केंद्रों पर एक माह का प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके चिकित्सक तैनात किए गए हैं, साथ ही संयुक्त जिला चिकित्सालय में जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत मनोरोग चिकित्सक की सेवाएं कमरा नंबर 14 में प्रतिदिन दी जा रही हैं। इसके अलावा सीएससी अमेठी मुसाफिरखाना जामो में चेतना दिवस कार्यक्रम का आयोजन विशेष रूप से शासन की अपेक्षा है। जिला कार्यक्रम प्रबंधक बसंत राय ने बताया कि मनोविकारियों के लिए जिला चिकित्सालय में मन कक्ष की स्थापना की गई है, जहां पर गैर संचारी रोग के साथ-साथ मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मनोविकार व नशा उन्मूलन के परामर्श की सुविधा उपलब्ध है।
सीएमएस बीपी अग्रवाल ने बताया कि शासन द्वारा निर्गत प्रावधानों के अनुरूप औषधियां उपलब्ध हैं, जैसे-जैसे दिशा निर्देश प्राप्त होगे और सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी।
अवसाद के लक्षण:
उदास मन, पश्चाताप की भावना, नींद कम आना या अधिक आना, किसी काम में मन न लगना, उलझन व घबराहट होना, वजन कम या ज्यादा होना, निराशा के भाव, ऐसा प्रतीत होता है कि जीवन व्यर्थ है एवं महत्वहीन है। आत्महत्या के विचार आना, सुबह बिस्तर छोड़ने की इच्छा न करना, नींद निर्धारित समय से 2 घंटे पहले खुल जाना, यौन इच्छा में कमी, रोने की इच्छा होना।
उपाय:
लक्षण स्वयं में महसूस होने पर तुरंत मनोवैज्ञानिक या मनोचिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। सकारात्मक सोच रखें नियमित, व्यायाम करें,अपनी रूचि के अनुसार अपने आप को व्यस्त रखें, संगीत सुनें योग प्राणायाम और ध्यान लाभकारी हो सकते हैं।