गोरखपुर। शाहपुर में मंगलवार की सुबह को आर्थिक तंगी से हारकर जंहा पिता और उसकी दो बेटियों ने सुसाइड कर लिया था वही देर रात गोरखनाथ इलाके की एक माँ और उसके बेटे ने भी जहर खाकर मौत को गले लगा लिया महिला और उसका छोटा बेटा बड़े बेटे की कारस्तानियों से परेशान थे दरअसल मा ने मकान बेचा था उस पैसे को बड़े बेटे ने खर्च कर दिया था जिसकी वजह से आर्थिक तंगी झेलनी पड़ रही थी।
जानकारी के अनुसार जनप्रिय बिहार कॉलोनी निवासी सत्यनारायन राव बैंक में काम करते थे कुछ साल पहले उनकी मौत हो गई. मौत के बाद 55 वर्षीया उनकी पत्नी सरोज देवी अपने दो बेटों श्रीश राव और 25 वर्षीय मनीष राव के साथ रहती थी कुछ माह पहले उन्होंने जनप्रिय बिहार की मकान को 69 लाख में बेच दिया था उस रकम को मां और बड़े बेटे के संयुक्त खाते में रखा गया था मोहल्ले वालों के अनुसार बड़े बेटे ने चुपके से खाते को एकल करवाने के साथ रकम निकाल कर अलग जगह मकान खरीद लिया इसकी जानकारी होने पर मां नाराज हुई तो वह पत्नी के साथ ससुराल में जाकर रहने लगा इस दौरान मां छोटे बेटे मनीष के भविष्य को लेकर चिंतित रहने लगी मंगलवार की रात वह छोटे बेटे के साथ जहर खा ली। रात तकरीबन 11बजे मोहल्ले का एक व्यक्ति उनके घर पहुंचा तो उनके जहर खाने की जानकारी हुई आनन-फानन में दोनों को जिला अस्पताल ले जाया गया डॉक्टर ने हालत गंभीर देख मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया जहां पहुंचने पर डॉक्टर ने उनको मृत घोषित कर दिया घटना की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस आवश्यक कार्रवाई में जुट गई।
मोहल्लेवासियों के अनुसार छोटे बेटे मनीष की शादी की बात कही चल रही थी मां उसके शादी की तैयारी में थी बड़े बेटे द्वारा मकान के बेचने से मिली रकम को हड़पने के बाद मां-बेटे दोनों कुछ दिनों से आर्थिक तंगी से भी जुझ रहे थे मनीष गोड़धोईया पुल के पास एक सर्विसिंग सेंटर पर गाड़ी धुलाई का काम कर रहा था इस बीच मां ने कई लोगों से सूद पर भी रुपया ले लिया था जनप्रिय बिहार की जिस मकान को उन्होंने 69 लाख में बेचा था वह अभी उसी मकान में किराए पर रह रहे थे जिस व्यक्ति ने उस मकान को खरीदा है उससे उन लोगों ने खाली करने के लिए कुछ दिन की मोहलत लिए थे
मेडिकल कॉलेज में मां और छोटे भाई की मौत की सूचना पर बड़ा भाई श्रीश राव ससुराल के लोगों के साथ पहुंचा।