Successful Test: MNNIT ने बनाई भारत की पहली मानव रहित कार, बीटेक छात्रों ने किया है, माइक्रोसाफ्ट के एशिया चीफ बने गवाह

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मोतीलाल लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान प्रयागराज के छात्रों की चालक रहित कार 30 मीटर दौड़ी

प्रयागराज में मोतीलाल लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के छात्रों द्वारा बनाई गई चालक रहित कार को सार्वजनिक किया गया। इसका उद्घाटन माइक्रोसाफ्ट कंपनी के एशिया चीफ अहमद मजहरी ने आज शनिवार को किया। यह कार 12 बजकर 50 मिनट पर चली और 10 मीटर आगे खड़े एक अवरोध के सामने जाकर रुक गई। इस कार ने सीधी रेखा में 30 मीटर का सफर तय किया और दूसरे अवरोध के सामने नहीं रुकी। इस कार को तैयार करने के लिए 95 बैच के पुरातन छात्रों ने 18 लाख रुपए की मदद 2019 में की थी। छात्रों ने चालक रहित कार के लिए कोडिंग की। इस कोडिंग को विदेशों में सत्यापित कराया गया। कोडिंग पर मुहर के बाद एक माह पहले गोल्फ कार्ट इलेक्ट्रिक कार मंगाकर इसमें कोडिंग की गई और जरूरी हार्डवेयर के बदलाव किए गए। शनिवार को यह कार पहली बार सार्वजनिक हुई।

माइक्रोसाफ्ट एशिया के अध्यक्ष अहमद अजहरी के सामने एमएनएनआइटी के छात्र अपनी चालक रहित कार का प्रदर्शन आज किया। कार की परीक्षा अहमद अजहरी ने की। माना जा रहा है कि एमएनएनआइटी और माइक्रोसाफ्ट के बीच शोध व नवाचार को बढ़ावा देने के लिए समझौता भी हो सकता है।

एमएनएनआइटी में वैश्विक पुरातन छात्र सम्मेलन में बीटेक छात्रों आल टेरेन व्हीकल, ड्रोन, रोबोट और प्रोटोटाइप विमानों की प्रदर्शनी लगाई। इसमें बाइक के इंजन से तैयार 80 हजार की रेसिंग कार, एक चार्ज पर 25 किलोमीटर तक दौड़ने वाली हाइब्रिड साइकिल, दूरबीन स्काइवाचर और भविष्य के अपने माडल शामिल किए। बीटेक छात्र सुद्युत सिंह ने बताया कि रेसिंग कार में 120 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ सकती है। गौरव ने बताया कि हाइब्रिड साइकिल 25 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से 25 किलोमीटर तक चल सकती है। पुरनियों ने इंजीनियरिंग छात्रों को सहयोग के रूप में धनराशि भी दी।

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