संवाददाता- अजय मिश्र, महराजगंज, आजमगढ़
- वीरू की मानें तो, डेढ़ साल से साथ भी रह रहे थे|
- ऐसे में शादी करके वे सामाजिक रूप से एक दूसरे के हो गए|
- उन्हें भरोसा है कि वे दोनों एक अच्छी जिंदगी जी सकते हैं|
आजमगढ़ : कहा जाता है प्यार अंधा होता है, प्यार में पड़े लोग दुनिया की परवाह नहीं करते, उन्हें केवल अपने प्रेमी से मतलब होता है, जिसके साथ रहने के लिए वे हर कदम उठाते हैं|
किसी कवि ने कहा है कि प्रेम को ढाई अक्षर का कैसे कहे, प्रेम सागर से गहरा है नभ से बड़ा प्रेम होता है दीखता नहीं है मगर प्रेम कीही धुरी पर येजग है खड़ा प्रेम की व्याख्या हर युग के रचनाकार,साहित्यकार ऋषि मुनि सहित चिंतकों ने अनेक प्रकार से किया है परन्तु इसका भाव वही समझ सकता है जो इसमें निश्छल भाव से गोता लगाया हो फिर भी शब्दों के माध्यम से प्रेम की अभिव्यक्ति उसके लिए भी संभव नहीं होता | यह कहना तब और उपयुक्त हो जाता है ज़ब यह चरितार्थ होता दिखे | प्रेम का ऐसा मामला आजमगढ़ जिले के महाराजगंज ब्लॉक स्थित भैरव धाम परिसर में उस वक्त चरितार्थ होता नजर आया जहां एक किन्नर और एक लड़के का प्रेम परवान चढ़ा और वे दोनों भैरव बाबा को साक्षी मानकर एक दूजे के होते हुए परिणय सूत्र में बंध गए | बता दें कि जलपाईगुड़ी वेस्ट बंगाल के निवासी मुस्कान नाम की किन्नर विगत 2 साल पूर्व मऊ जिले में एक नृत्य कार्यक्रम के लिए आई थी जहां उसकी मुलाकात वीरू राजभर निवासी देवसीपुर पोस्ट टेकई थाना मोहम्मदाबाद जनपद मऊ से हुई|
पहली मुलाकात में ही दोनों ने एक दूसरे को अपना दिल दे बैठे | विगत डेढ़ साल से वीरू और मुस्कान वीरू के घर ही रहने लगे |इस बीच दोनों का प्यार और भी प्रगाढ़ हुआ और मन ही मन दोनों एक दूसरे का हमसफर बनने को राजी हो गए | वीरू ने बताया कि इस संबंध से उसके परिवार को कोई आपत्ति नहीं है जिसे आज दोनों ने भैरव बाबा को साक्षी मानकर उनके समक्ष एक दूसरे का दामन थाम लिया और परिणय सूत्र में बंध गए |