अमेठी। मन की बहुरी नगर निकाय का प्रशासन चबा रहा है ।शहर की सडके पर अब खाली नही है ।कही ठेलिया पर फल बिक रहा है। तो सब्जी बिक रही है। अधिकारी का वाहन भीड मे फंस जाता है। अधिकारी के गनर सुरक्षा को छोड़कर सडक पर वाहन हटवाने लग जाते है ।स्वयंसेवक की मौजूदगी मे सडक पर ठेलिया लगती है। पटरी पर ठेलिया हटवाने के लिए यातायात मे लगे। सुरक्षा कर्मी अहम भूमिका निभा रहे है। आखिर वाहन टैक्स देने वाले स्वामी की यातायात जाम के नाम पर चालान हो रहा है।
अमेठी नगर निकाय का हाल बेहाल है। शहर मे जिन्है दुकान मिली है। वे भाडे पर चल रही है। नगर पंचायत के असरदार लोग सरकार को फेल करने मे लगे
पुरानी सब्जी मण्डी की नगर निकाय की दुकान अधिकाश ऐसे दबंग लोगो के कब्जे मे है। जो बाजार भव से अधिक धन देकर अपनी दुकान चला रहे है। नगर के खेल चौकाने वाले है। सरकार के समान्तर खेल हो रहा है। ईमानदार के नाम पर पारदर्शिता का आता पता नही है। आखिर जाम के लिए कौन जिम्मेदार है। लोक निर्माण विभाग प्रान्तीय खण्ड जाम का खेल खुलेआम चला रहा है ।जिम्मेदार अधिकारी ने शहर की सूरत क्यो बदहाल कर रहे है। लोक निर्माण विभाग के मंत्री जितिन प्रसाद ने अपने दयात्वि का निर्वाहन कब करेगे।सडक निधि के हाथ आखिर कब खुलेगे। जाम के नाम पर अधिकारी और नेताओ की कब नीद खुलेगी। अधिशाषी अधिकारी का कहना है कि मजिस्ट्रेट के आदेश पर सुरक्षा बल मिले तो सडक की पटरी से अतिक्रमण तत्काल हट जायेगा। नगर पंचायत को इस काम के लिए आगे आना होगा। नगर पंचायत मे अधिशाषी अधिकारी का पद दो माह से खाली है। शिकायत जाम की बराबर मिल रही है। प्रशासन के हाथ मे सब कुछ है।