- दो छोटे छोटे बच्चों को बाप के सहारे छोड़कर अलबिदा कर गई-सविता
- सविता की छोटी बिटिया अभी मम्मी तक नही कह पाई और भगवान को प्यारी हो गई सविता
- परिजन आमी नदी पर केले के बृक्ष पर प्रवाह कर दिए महिला की लाश ,
- चिट्ठी लिख कर किये जल प्रवाह पुरानी परंपरा पर अमल,
ब्यूरो रिपोर्ट- हरेन्द्र कुमार यादव
गोरखपुर| जनपद के खजनी क्षेत्र में नव बधू का सर्प दंश से मौत हो गयी । परिजन जिलाअस्पताल से गांव ले गए गांव में पुरानी परमपरा पर अमल करते हुए टिकठी से उठा कर केले के बृक्ष में सुला कर जल प्रवाह कर दिए । बताया जा रहा सर्प दंश के शिकार महिला को जल प्रवाह करना उचित है ।
बताया गया सर्प दंश से शिकार हुए ब्यक्ति की आत्म जल में तैरने से जहर का असर खत्म हो जाता जिससे जल प्रवाह किया जाता ।ऐसा मनाना है कि 100 लोगो मे 2 लोगो का जीवित होने का बात सामने आई थी ।
बताते चले !खजनी क्षेत्र के मंझरिया निवासी रीतीक बेलदार की पत्नी सविता उम्र 25 वर्ष की जहरीले साँप के काटने से मृत्यु हो गयी हुआ यूं कि सविता देवी अपने दो छोटे छोटे बच्चों जिनकी उम्र 4 वर्ष और 1 वर्ष हैं दोनों बच्चो को लेकर गुरुवार की सुबह 10 बजे के करीब अपने घर मे चटाई बिछाकर सोई थी उसी समय किसी जहरीले सर्प ने महिला को काट लिया जिसकी सूचना मिलते ही परिजनो के द्वारा जिला अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया मृत की सूचना मिलते ही गाँव मे कोहराम व मातम छा गया। वही परिजनों का रो रो कर बुराहाल है दो छोटे छोटे बच्चों के सर से माँ के आँचल का साया हट गया । सविता के पति रितिक दिहाड़ी पर मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करते है । परिजन मुक्ति घाट पहुंचते ही लास को केले के हरे बृक्ष में बांध कर नाम पता लिखते हुए जल प्रवाह कर दिया । लास जलाया नही गया । पुरानी परंपरा को देखते हुए ग्रामीण पुरानी रीति के तहत जल प्रवाह किया है । सवाल यहव्होत अज्व तक कभी ऐसे मामलों में पुष्टि नहो हुआ है । बुजर्ग के कथानुसार परम्परा चली आ रही ।
उक्त मामले में उपजिलाधिकारी खजनी पवन कुमार ने बताया पुरानी परंपरा है लेकिन यह उचित नही है ।