अंबेडकर जनमोर्चा का गठन और पूर्वी उत्तर प्रदेश में दलितों के बीच मजबूत पकड़

उत्तर प्रदेश गोरखपुर

अम्बेडकर जन मोर्चा का गठन और पूर्वी उ0प्र0 में दलितों के बीच मजबूत पकड़

मुख्य संयोजक श्रवण कुमार निराला कौन है

सक्रिय राजनीति में कब आए श्रवण कुमार निराला

ब्यूरो प्रमुख – एन अंसारी गोरखपुर , बस्ती मण्डल

गोरखपुर । क्रान्तिकारी शहीदों की भूमि चौरी चौरा, गोरखपुर के पास केवला चक गाँव के श्रवण कुमार निराला का जन्म 20 जुलाई 1980 को हुआ, प्रारम्भिक शिक्षा गाँव में हुई, उच्च शिक्षा की शुरूआत 1996-1997 में गोरखपुर विश्वविद्यालय से शुरू हुई, यही विश्वविद्यालय में छात्रसंघ की राजनीति में कदम रखा और दलित, पिछड़े छात्रों के अगुआ बने, छात्रों के हित में आन्दोलन किया, गोरखपुर विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में दो बार अध्यक्ष पद के लिये चुनाव लड़े, सफलता के करिब पहुंच कर चुनाव हारे। लगभग 10 वर्ष सक्रिय छात्र राजनीतिक के बाद के बाद एक राजनैतिक पार्टी में सक्रियता के साथ लगभग 15 वर्ष संगठन का दायित्व निभाया मण्डल प्रभारी, जोनल को-आर्डिनेटर जैसे जिम्मेदारी को निभाते हुए कई मुख्य मण्डल, गोरखपुर, फैजाबाद, देवीपाटन, बस्ती, आजमगढ़, बनारस जैसे मण्डल में संगठन को मजबूत विस्तार दिया। एक घटना क्रम के बाद भारत रत्न बाबा साहब डॉ0 बी0आर0 अम्बेडकर और मान्यवर कांशीराम साहब के आन्दोलन को आगे बढ़ाने व जनहित की लड़ाई लड़ने के उद्देश्य से पूर्वी उ0प्र0 में दलितों, पिछड़ों, गरिबों के हक अधिकार की लड़ाई लड़ने के लिए एक नया संगठन स्वतंत्र रूप से खड़ा करने का फैसला किया।

श्रवण कुमार निराला अपने कार्यकर्ताओं व सहयोगियों के साथ

अम्बेडकर जन मोर्चा का गठन क्यों और कैसे

वर्ष 2019 लोक सभा के चुनाव के बाद एक घटना क्रम के बाद यह स्पष्ट हो गया कि दलित समाज के नाम पर स्थापित पार्टी द्वारा दलितों के वोट के थोक भाव से बड़ी कीमत लेकर बेचा जा रहा है, दलितों, पिछड़ों की मूल समस्या पर कोई जन आन्दोलन नहीं रह गया, सिर्फ वोट की राजनीति चल रही है, ऐसी स्थिति में पूर्वी उ0प्र0 के महत्वपूर्ण बुद्धजीवियों और सामाजिक, राजनैतिक, युवा कार्यकर्ताओं से विचार विमर्श किया तब सबका यह कहना था कि हमको पूर्वी उ0प्र0 में एक सामाजिक/राजनीतिक संगठन खड़ा करना चाहिए और समाजहित के जो मुद्दे आज नहीं उठ रहे हैं, या संघर्ष बन्द हो गया है, हमको जरूरी मुद्दा उठाना है और जन आन्दोलन खड़ा करना है।

दलित आन्दोलन का दमदार परीणाम

अम्बेडकर जन मोर्चा का गठन 8 अगस्त 2019 को गोरखपुर (उ0प्र0) में किया गया। अम्बेडकर जन मोर्चा ने जन आन्दोलन का रूप लिया पहला आन्दोलन एक बड़ी रैली ‘‘दलित, पिछड़ा शिक्षा, छात्रवृत्ति बचाओ रैली’’ 12 जनवरी 2020 को गोरखपुर हुई, इस रैली में पच्चास हजार से अधिक छात्र, नौजवान, नागरिक शामिल हुए, रैली से उ0प्र0 सरकार बैकफुट पर आई और उ0प्र0 में लाखों छात्रों की छात्रवृत्ति एवं फीस प्रति पूर्ति जारी हुई, इसके बाद कई जन आन्दोलन सड़क पर मोर्चा ने किया , 28 नवम्बर 2021 को कौड़ीराम ,गोरखपुर मे “संविधान सम्मान अधिकार यात्रा” निकाला तब हजारो लोग यात्रा से जुड़े और समर्थन मिला , दिनांक 12 सितम्बर 2021 को ऐतिहासिक भागीदारी उद्घोष सम्मेलन का आयोजन हुआ।

दलित अधिकार रैली में लाखों की संख्या में जनता का इकठ्ठा होना अम्बेडकर जन मोर्चा का आम जनता के बीच मजबूत पैठ का प्रमाण है

दलित अधिकार रैली में श्रवण कुमार निराला व कार्यकर्ता

जन आन्दोलन के इस क्रम में दलित पिछड़ा भूमिहीन गरिबों को प्रति परिवार एक-एक एकड़ जमीन दिलाने के मुहीम आन्दोलन के तहत दिनांक 17 दिसम्बर 2022 को गोरखपुर में बहुत बड़ा विशाल ‘‘दलित अधिकार रैली’’ का महा आयोजन किया गया, इस रैली में लगभग एक लाख लोगों ने शामिल होकर जमीन के अधिकार की लड़ाई को नई दिशा दे दिया। इस रैली में जुटी भारी भीड़ ने उत्तर प्रदेश सरकार को हिला दिया, जिला प्रशासन घबराया इस घबराहट में अम्बेडकर जन मोर्चा के मुख्य संयोजक श्रवण कुमार निराला के घर भारी पुलिस बल भेज कर घर सील करा दिया गया। यह कहते हुये कि रैली में भारी भीड़ आपने कैसे जुटाया और इस रैली में आपने पैसा कहा से खर्च किया इसका हिसाब दें। इस घटना क्रम के बाद श्री निराला इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष जाकर अपील करते है, दस दिन के बाद श्रवण कुमार निराला का घर जिला प्रशासन मजबूर होकर खोलता है।

उत्तर प्रदेश के 55 जिलों में अम्बेडकर जन मोर्चा ने गाँव स्तर पर संगठन को स्थापित किया है

पूर्वी उत्तर प्रदेश में विशेष सक्रियता मजबूत पैठ
उ0प्र0 का पूर्वी क्षेत्र (पूर्वांचल) गोरखपुर, बस्ती, आजमगढ़, फैजाबाद, देवीपाटन, बनारस, इलाहाबाद मण्डलों में मोर्चा का मुख्य आधार है, जिसमें मुख्य जनपद गोरखपुर, महराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, बस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीर नगर, बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती, गोण्डा, फैजाबाद, बाराबंकी, सुल्तानपुर, अमेठी, अम्बेडकर नगर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, चन्दौली, प्रयागराज, प्रतापगढ़, कौशाम्बी, फतेहपुर है जिसमें अम्बेडकर जन मोर्चा का संगठन विधान सभा, ब्लाक, गाँव स्तर तक। स्थापित हो चुका है। इन जनपदों के अतिरिक्त लगभग 27 जिलो में मोर्चा ने संगठन खड़ा किया है, उ0प्र0 में कुल 55 जिलों में मोर्चा का संगठन खड़ा हो चुका है। भारत में उ0प्र0 के साथ-साथ अन्य दस राज्यों में भी अम्बेडकर जन मोर्चा के पदाधिकारी कार्य कर रहे हैं। जिसमें मुख्य राज्य बिहार, छत्तिसगंढ़, झारखण्ड, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, महराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, जम्मू कश्मीर में संगठन सक्रिय हो चुका है।

समाजहित जन आन्दोलन के साथ हमारा राजनैतिक लक्ष्य भी है

हम उ0प्र0 विधान सभा चुनाव 2022 में चार सीटों पर चुनाव लड़ चुके हैं, जनता ने साथ दिया, उत्साह बढ़ाया पर हम चुनाव नहीं जीत पाए लेकिन हम चुनाव हारे, हौसला नहीं हारे, हम आगे चुनाव की तैयारी कर रहे हैं, लोक सभा 2024 का चुनाव हम लड़ेगे, अभी हमने उ0प्र0 की पाँच लोक सभा सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। हम चुनाव की तैयारी पूरी सक्रियता से कर रहे हैं।
हम सामाजिक आन्दोलन के आधार पर राजनैतिक आन्दोलन को अम्बेडकरवाद के विचार धारा से स्थापित करने का संकल्प है। श्रवण कुमार निराला के नेतृत्व में अम्बेडकर जन मोर्चा द्वारा जन आन्दोलन का यह महाअभियान जारी है, पूर्वी उत्तर प्रदेश में बड़े बदलाव का स्पष्ट संकेत मिल रहा है।

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