वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला के द्वार एक सप्ताह तक आम लोगों के लिए खुले रहेंगे

विज्ञान & प्रौद्योगिकी
  • वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला के द्वार एक सप्ताह तक आम लोगों के लिए खुले रहेंगे
  • वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला 17 से 21 अप्रैल, 2023 तक ‘वन वीक वन लैब’ कार्यक्रम का आयोजन करने जा रही है
  • इस मुहिम में स्कूली छात्रों के साथ बातचीत, मापिकी संगोष्ठी, अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रम और विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अभियांत्रिकी व गणित-एसटीईएम में महिलाएं कार्यक्रम तथा विज्ञान सम्मेलन शामिल हैं

क्या आप जानते हैं कि वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला भारतीय मानक समय (आईएसटी) की संरक्षक है, जिसे सीजियम परमाणु घड़ियों और हाइड्रोजन मेसर्स के साथ मिलाकर एक परमाणु टाइमस्केल का उपयोग करके विकसित किया गया है।

इतना ही नहीं, अल्ट्रा-प्रीसाइज सेटलाइट लिंक का उपयोग करके आईएसटी को कुछ नैनोसेकंड के भीतर अंतर्राष्ट्रीय संदर्भ समय यूटीसी (कोऑर्डिनेटेड यूनिवर्सल टाइम) में पता लगाने के योग्य करके रखा जाता है। आइये और मिलकर देखें कि किस प्रकार से वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला भारतीय मानक समय को गतिमान रखती है!

क्या आप जानते हैं कि वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला वायुमंडलीय प्रदूषण की निगरानी के लिए गैस और वायुजनित कणों के मापन की निगरानी करती है?

 

 

क्या आप जानते हैं कि अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने वाले मतदाताओं की उंगली को चिह्नित करने के लिए चुनावों के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली ‘चुनाव स्याही’ या अमिट स्याही को 1952 में वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला में विकसित किया गया था और इसे भारतीय लोकतंत्र के लिए सबसे महत्वपूर्ण योगदानों में से एक माना जाता है?

क्या आप जानते हैं कि वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला ने भारी मात्रा में प्लास्टिक के कचरे को पुनः चक्रित करने के लिए एक तकनीक विकसित की है, जिसके इस्तेमाल से भारत में प्रतिदिन रंगीन टाइल्स बनाई जाती हैं?

अब समय है वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला में विज्ञान के इन सभी चमत्कारों को सामने से देखने और समझने का। सीएसआईआर-एनपीएल इस सिलसिले में 17 से 21 अप्रैल 2023 तक आयोजित ‘वन वीक, वन लैब’ कार्यक्रम के तहत आम जनता के लिए अपने दरवाजे खोल रहा है।

केंद्रीय मंत्री (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी) डॉ जितेंद्र सिंह ने हाल ही में “वन वीक-वन लैब” नामक एक अनूठी मुहिम की घोषणा की है। जिसमें वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की सभी प्रयोगशालाएं न केवल अपनी प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन करने के लिए आम जनता तक पहुंचेंगी बल्कि वे डीप टेक वेंचर्स के माध्यम से अवसरों की तलाश करने के उद्देश्य से युवा नवोन्मेषकों, विद्यार्थियों, स्टार्ट-अप, शिक्षाविदों और उद्योग जगत से जुड़े युवा मस्तिष्क को आगे की राह दिखाने हेतु उनका मार्गदर्शन भी करेंगी। “वन वीक, वन लैब” अभियान के तहत सप्ताह दर सप्ताह सीएसआईआर की प्रत्येक प्रयोगशाला भारत के लोगों के लिए अपने विशेष नवाचारों तथा तकनीकी सफलताओं को प्रदर्शित कर रही है। सीएसआईआर की प्रयोगशालाएं अद्वितीय हैं और इनमें विशिष्ट क्षेत्रों में जुड़े हुए विशेषज्ञ भी हैं। इनका विस्तार जीनोम से लेकर भूविज्ञान, भोजन से लेकर ईंधन, खनिजों से लेकर सामग्री और कई अन्य वर्गों में आगे तक फैला हुआ है।

वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला के निदेशक प्रोफेसर वेणुगोपाल अचंता ने बताया है कि वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (एनपीएल) द्वारा 17 से 21 अप्रैल, 2023 तक सप्ताह भर का “वन वीक, वन लैब”  कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस आयोजन का उद्देश्य संभावित हितधारकों के बीच राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला की मौजूदा उपलब्ध तकनीकों एवं सेवाओं के बारे में जागरूकता पैदा करना है। इन तकनीकों एवं सेवाओं का इस्तेमाल सामाजिक समस्याओं का समाधान प्रदान करने के लिए, जनता को सटीक माप के महत्व के बारे में जागरूक करने हेतु और जनता के बीच वैज्ञानिक स्वभाव विकसित करने में किया जा सकता है। इस पहल से विशेष तौर पर विद्यार्थी लाभान्वित होंगे, जो कि देश का भविष्य हैं।

वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (एनपीएल-इंडिया) को संसद के अधिनियम द्वारा भारत का “राष्ट्रीय मापिकी संस्थान” (एनएमआई) होना अनिवार्य है और यह देश की आवश्यकताओं के लिए माप के प्रसार की जिम्मेदारी के साथ-साथ “राष्ट्रीय मानकों” का संरक्षक भी है। सीएसआईआर-एनपीएल गंभीरता के साथ भारत के माप  संबंधी मानकों के विकास में लगा हुआ है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार किए जाते हैं और उद्योग जगत, सरकार एवं रणनीतिक स्तर पर तथा शिक्षा जगत के लिए मापन क्षमताओं का प्रसार करते हैं और भारत की समृद्धि व जीवन की गुणवत्ता का महत्व उजागर करते हैं।

यह भारतीय मानक समय (आईएसटी) के प्रसार कार्य के साथ-साथ लंबाई, द्रव्यमान, तापमान आदि के माप मानकों को संरक्षित एवं स्थिर रखता है। राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला भविष्य के क्वांटम मानकों और आगामी तकनीकों को स्थापित करने के मिशन के साथ बहु-विषयक अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रम में लगी हुई है ताकि भारत अंतरराष्ट्रीय माप प्रयोगशालाओं के समतुल्य बना रहे। यह उभरते हुए भारत की बढ़ती मांगों को पूरा करने के उद्देश्य से “मेक इन इंडिया” कार्यक्रम के तहत परिष्कृत विश्लेषणात्मक उपकरण (यानी आयात के विकल्प) विकसित कर रहा है और “स्किल इंडिया” कार्यक्रम के तहत माप के क्षेत्र में युवा वैज्ञानिकों एवं उद्योग कर्मियों को प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है।

वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला के “वन वीक-वन लैब” कार्यक्रम में कई अलग-अलग गतिविधियां शामिल की गई हैं, जो 14 अप्रैल, 2023 (शुक्रवार को दोपहर 12 बजे) को नई दिल्ली स्थित प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (पीसीआई) में पत्रकार वार्ता से शुरू होंगी। इस विशेष अभियान का उद्घाटन 17 अप्रैल को माननीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह जी द्वारा वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद की महानिदेशक डॉ एन कलैसेल्वी की उपस्थिति में किया जाएगा। मुहिम के उद्घाटन दिवस पर स्कूल/कॉलेज के छात्रों के साथ बातचीत पर प्रमुख रूप से ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली से विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के विद्यार्थी भाग लेंगे। प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता तथा प्रयोगशाला का दौरा दिन के लिए निर्धारित कई अन्य गतिविधियों में शामिल हैं। प्रोफेसर अचंता ने जानकारी देते हुए बताया कि विद्यार्थियों को राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला के वैज्ञानिकों के साथ बातचीत करने का अवसर मिलेगा।

 

इसके बाद 18 से 20 अप्रैल तक तीन दिवसीय स्टार्ट-अप/एमएसएमई/इंडस्ट्री मीट होगी। इस आयोजन का उद्देश्य राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला द्वारा उद्योगों को प्रदान की जाने वाली विभिन्न सेवाओं को प्रदर्शित करना है। इस आयोजन में, उन सभी हितधारकों को आमंत्रित किया गया है, जिनकी राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला ने मदद की है/जिनसे जुड़ी है/जिनकी तकनीकी सहायता की है/जिन्हें परामर्श दिया है / अथवा अपनी सेवाएं प्रदान की है। इस आयोजन के दौरान प्रत्येक दिन 20 उद्योग इसमें शामिल होंगे, जहां पर वे न केवल अपनी प्रौद्योगिकियों/सेवाओं (जहां राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला ने योगदान दिया है) का प्रदर्शन करेंगे बल्कि राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला की वैज्ञानिक तथा तकनीकी सहायता के बारे में भी विचार-विमर्श करेंगे। इसके अतिरिक्त, नवाचार ढांचे और पारिस्थितिकी तंत्र से संबंधित कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इसके साथ-साथ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और विकास के लिए 4 नए उद्योग भागीदारों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किए जाएंगे।

19 अप्रैल को मापिकी संगोष्ठी का आयोजन होगा, जहां वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला में एडवांसेस इन मेट्रोलॉजी पर हैंडबुक जारी की जाएगी। मापिकी के क्षेत्र में वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला की भूमिका एवं प्रयास, भविष्य के लिए सीएसआईआर-एनपीएल रोड मैप और राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में वृद्धि करना तथा मापिकी संगोष्ठी में होने वाली पैनल चर्चा कार्यक्रम की अन्य विशेषताएं हैं।

20 अप्रैल को अनुसंधान एवं विकास सम्मेलन और विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अभियांत्रिकी व गणित-एसटीईएम में महिलाएं विषय पर कार्यक्रम आयोजित करने की योजना है, जहां पर एनपीएल परिवार के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक एवं पूर्व छात्र अपने दृष्टिकोण को साझा करेंगे और विज्ञान व प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हाल की प्रगति में वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला की भूमिका का प्रदर्शन करेंगे। उपरोक्त आयोजन के दौरान इस एक दिवसीय आयोजन का केंद्र बिंदु महिला सशक्तिकरण पर होगा और महिला वैज्ञानिकों द्वारा विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अभियांत्रिकी व गणित के क्षेत्र में महिलाओं के लिए अनुसंधान एवं विकास, चुनौतियों तथा अवसरों में हालिया प्रवृत्ति पर चर्चा करने के लिए गतिविधियों की एक श्रृंखला आयोजित की जाएगी। साथ ही, भारत में प्रसिद्ध महिला वैज्ञानिकों की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए एक वृत्तचित्र फिल्म भी प्रदर्शित होगी।

21 अप्रैल को एक दिवसीय कौशल संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगों को वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला के कौशल कार्यक्रम के बारे में जागरूक/शिक्षित करना है। साथ ही इसका लक्ष्य हमारे जीवन के सभी पहलुओं से संबंधित क्षेत्रों में विभिन्न विशेषज्ञों के व्याख्यान का आयोजन और कौशल प्रदर्शनों की मेजबानी करके स्थानीय लोगों को प्रेरित करना है। विभिन्न उद्योगों, शिक्षा जगत और समाज द्वारा देश में आवश्यक कुशल श्रमबल को प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला द्वारा समय-समय पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला और इसके “वन वीक वन लैब” कार्यक्रम के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए कृपया एनपीएल वेबसाइट को देखें:

इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए इच्छुक लोग https://www.nplindia.org/ पर अपना पंजीकरण कर सकते हैं।

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