देवरिया। देवरिया हत्याकांड मामले में यूपी सरकार एक्शन मोड में है। एसडीएम-सीओ समेत राजस्व और पुलिस विभाग के 15 अफसरों को सस्पेंड करने के बाद अब बुलडोजर चलाने की तैयारी शुरू हो गई है। प्रेम यादव के घर पर शुक्रवार शाम तहसील प्रशासन ने नोटिस चस्पा कर दिया है। उधर, इस हत्याकांड के बाद भी दोनों परिवारों की दुश्मनी खत्म होती नहीं दिख रही है। प्रेमचंद यादव की पत्नी पहली बार शीला सामने आई है। उन्होंने रोते हुए कहा कि उनका (सत्यप्रकाश) का पूरा परिवार खत्म करूंगी। शीला ने कहा कि मेरा पति जनता की सेवा करता था। दिन-रात लगा रहता था। लेकिन, मेरे पति को कोई बचाने नहीं आया। मर जाए, ओकर पूरा खानदानों जर जाए…हमरा ओहसे कौउनो मतलब नइखे। हमार मरदा ता पूरा जनता के सेवा करेला…रात-बिरात जनता के सेवा करेला…हमरे मरदे के केहू बचावे वाला ना रहल ह। उनकर पूरा परिवार उजड़ जाए…हम उनके अपना हाथे से मारब…हम कहत हईं…उनकर पूरा परिवार खतम करब, उनके ता बदमाश मरला..अब हमहू मार’ ये शब्द हैं देवरिया हत्याकांड में मारे गए प्रेमचंद यादव की पत्नी शीला यादव के हैं। हत्याकांड के बाद घर पहुंची मीडिया से वे बात कर रहीं थीं। भले ये बयान आवेश में दिया जा रहा हो, लेकिन जता रहा है कि गांव में अभी रंजिश की आग ठंडी नहीं हुई है। प्रेम की हत्या के बाद सत्यप्रकाश दुबे समेत उनके परिवार 5 लोगों की हत्या कर दी गई। पुलिस ने इस केस में 27 नाजमद समेत 77 लोगों के खिलाफ हत्या की एफआईआर दर्ज की गई है। इस हत्याकांड में प्रेम के पिता और भाई समेत 20 से अधिक लोग अब तक गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं। प्रेम यादव की पत्नी शीला यादव से सवाल पूछा गया कि प्रेम की हत्या के बाद सत्यप्रकाश दुबे समेत उनके परिवार के भी 5 लोगों की हत्या आपके लोगों ने की? इस पर वो भड़क गईं। कहने लगी, मर जाए…उसका पूरा खानदान जल जाए, उससे मेरा कोई मतलब नहीं है। मेरा पति तो जनता की सेवा करता था। दिन-रात वो जनता की सेवा में लगा रहता था। लेकिन, मेरे पति को कोई बचाने वाला नहीं था। उनका (सत्यप्रकाश दुबे) का पूरा परिवार उजड़ जाए। मैं उन्हें अपने हाथ से मारुंगी। मैं कह रही हूं…उनका पूरा परिवार खत्म कर दूंगी। उन्हें तो बदमाशों ने मारा…लेकिन, उन्हें मैं भी मारूंगी।
वहीं, इन सबके बीच मृतक सत्यप्रकाश दुबे के बेटे देवेश गर्ग ने भी पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई पर बड़ा सवाल खड़ा किया है। 15 अफसरों के सस्पेंशन के बाद सरकार की कार्रवाई के सवाल पर देवेश ने रोते हुए कहा, मैं इस कार्रवाई से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं हूं। क्योंकि, जब मेरे मां-बाप थे, तब उन लोगों ने कोई कार्रवाई नहीं की। वो लोग तो हमारे लोगों को बकरे की तरह काटकर सुला दिया। अब कार्रवाई करके क्या फायदा। आखिर आबादी की जमीन पर आरोपियों का मकान क्यों नहीं ढह रहा है। पता चला है 6-6 बुलडोजर खड़े हैं, आखिर किस समय के लिए वो खड़े हैं। मैं तो यहां तक कहता हूं कि मेरे जमीन की भी जांच कराई जाए, अगर मेरा मकान भी सरकारी जमीन में है तो उसे भी ढहाया जाए। इससे ज्यादा मैं और कुछ नहीं कह पाउंगा, क्योंकि मेरा मानसिक संतुलन अभी ठीक नहीं है।