राजकीय यूनानी चिकित्सालय गोपालपुर बना चिकित्सक बिहीन

उत्तर प्रदेश गोरखपुर
  • दो कर्मियों के सहारे चल रहा अस्पताल
  • अस्पताल गेट के दोनों तरफ खुले है बूचड़खाना
  • गेट पर बूचड़खाना चलाने वालों द्वारा की जा रही गन्दगी,
  • असप्ताल पर दवा लेने वाले मरीज गंदगी से परेशान

गोलाबाजार, गोरखपुर ।
गोला नगर पंचायत के गोला से उरुवा जाने वाले सड़क मार्ग पर तहसील मुख्यालय से लगभग तीन किमी पश्चिम सड़क के दक्षिण पटरी पर स्थित राजकीय यूनानी चिकित्सालय की स्थित दयनीय बनी हुई है ।एक तरफ तो पिछले बर्ष से चिकित्सक बिहीन बना हुआ है ।दूसरी तरफ गेट के दोनों बगल स्थित बूचड़खाना की गंदगी से मरीज परेशान नजर आ रहे है ।मरीजो की देखभाल व अस्पताल खुला रहे इसलिए दो कर्मचारी तैनात है ।यही लोग आए हुए मरीजो को देखकर दवा उपलब्ध कराते है।डॉक्टर बिहीन होने के बाद भी यूनानी पद्धति की दवा पर विश्वास करने वाले लोगो का बराबर अस्पताल पर जमावड़ा बना रहता है।और मरीज को इस दवा से आत्मशांति के साथ आराम भी मिल जाता है।लेकिन चिकित्सक बिहीन अस्पताल हो जाने से स्थानीय लोगो मे ब्यवस्था के प्रति भारी असन्तोष व वही दूसरी तरफ अस्पताल गेट के सामने खुले बूचड़खाना हो हो रही गंदगी के प्रति भारी आक्रोश बना हुआ है।
प्राप्त बिबरण के अनुसार गोला तहसील मुख्यालय से मात्र तीन किमी दूर बना यह राजकीय यूनानी अस्पताल गोपालपुर स्थित है । लगे रामजानकी मार्ग पर दक्षिण पटरी पर बना हुआ है ।गोपालपुर पूर्व में एक रियासत के रूप में विख्यात रहा।यह अस्पताल पहले गोपालपुर कस्बे में स्थित था । लेकिन बिगत कई बर्षो से गोला उरुवा सड़क मार्ग पर गोपालपुर के दक्षिण सड़क पटरी पर स्थापित हो चुका है ।
यहां पर चिकित्सक फर्मासिस्ट व वार्ड बोयक़ी तैनाती रही है ।पिछले बर्ष 2022 में जनपद मुख्यालय के बगल में भटहट में खुले आयुष मेडिकल कॉलेज में यहां के तैनात चिकित्सक राजेश कुमार को सम्बद्ध कर दिया गया। उसके बाद से किसी भी चिकित्सक की तैनाती नही हुई। बर्तमान में फर्मासिस्ट सरयू लाल श्रीवास्तव व वार्ड बॉय के रूप में संदीप कुमार मिश्रा की तैनाती है।अस्पताल पर आने वाले रोगियों को देखकर इलाज करते है। स्थानीय लोगो का यूनानी चिकित्सा पर इतना भरोसा बन गया है कि अस्पताल पर मरीजो की भीड़ बनी रहती है ।और मरीज पहुच कर स्वास्थ्य लाभ इस पद्धति से ले रहे है।
सब कुछ के वावजूद चिकित्सक की कमी स्थानीय लोगो को खल रहा है ।स्थानीय मरीजो का कहना है कि अगर यह दो लोग नही रहते तो अस्पताल बंद ही पड़ा रहता ।शासन अगर चिकित्सक की तैनाती कर दे तो इस अस्पताल पर चार चांद लग जायेंगे ।और मरीजो की सख्या में बाढ़ आ जायेगी । वही अस्पताल पर आए मरीजो में अस्पताल गेट के सामने दोनों तरफ बगल में खुले बूचड़खाने से स्थानीय प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन की ब्यवस्था पर भारी आक्रोश ब्याप्त है।
इस प्रकरण पर एस डी एम गोला रोहित कुमार मौर्य से बार्ता करने का प्रयास किया गया लेकिन उनका फोन पहुच के बाहर बताया।पुनः तहसीलदार गोला बृजमोहन शुक्ला की सज्ञान में अस्पताल गेट के सामने खुले बुचड़खाना व उससे हो रही गंदगी के बिषय में दिया गया।उन्होंने आश्वस्त किया कि हम इस प्रकरण को दिखवाते है। अस्पताल के सामने बूचड़खाना नही होंना चाहिए।
इस पर कार्यवाही होगी। नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी संजय कुमार तिवारी का फोन ही नही उठा।