भगवान भक्तों के भाव के होते है भूखे: आचार्य पं चतुर नारायण

गोरखपुर

गोलाबाजार, गोरखपुर। गोला ब्लाक के कैथवली गाँव में चल रहे नौ दिवसीय मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा एंव श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन वृंदावन के वानप्रस्थ धाम आश्रम से पधारे कथा वाचक आचार्य पं चतुर नारायण पाराशर ने विदुर विदुरानी का प्रसंग सुनाते हुए कहा की भगवन भाव के भूखे है यदि भक्त के अंदर प्रेम और भाव है तो भगवन उसके द्वारा दिया हुआ रूखा सूखा भी बड़े प्रेम से ग्रहण करते है।जैसे की विंदुरानी द्वारा खिलाए गए केले के छिलके को बड़े प्रेम से पाते है।वही दुर्योदन के द्वारा बिना भाव के छप्पन भोग भी भगवान भी स्वीकार नही करते नारी शिक्षा पर जोर देते हुए कहा की वर्तमान में नारियों को उच्च शिक्षा प्रदान करना अत्यंत अनिवार्य हो एक शिक्षित महिला ही एक आदर्श समाज का सृजन करने वाली होती है यदि बेटियां पढ़ी लिखी होंगी तो आगे वाली पीढ़ियां भी शिक्षित व संस्कारी होगी।कथा का शुभारंभ मुख्य यजमान जयप्रकाश श्रीवास्तव शशिकला श्रीवास्तव ने व्यास शक्ति पीठ की आरती उतारी और कथा वाचक श्रद्धेय आचार्य जी को माल्यार्पण कर हुआ।इस अवसर पर मुख्य रूप से जगदीश श्रीवास्तव गिरीश लाल श्रीवास्तव ग्राम प्रधान नितेश यादव लाला संकल्प श्रीवास्तव देवप्रकाश श्रीवास्तव बबलू श्रीवास्तव शिवप्रकाश श्रीवास्तव राजू श्रीवास्तव एंव समस्त ग्रामवासी उपस्थित होकर कथा का रसपान किया।