छात्र विज्ञान ग्राम (स्टूडेंट साइंस विलेज – एसएसवी) भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) 2023 के उन प्रमुख आयोजनों में से एक है, जो 17 से 20 जनवरी 2024 तक क्षेत्रीय जैव प्रौद्योगिकी केंद्र (आरसीबी) – ट्रांसलेशनल स्वास्थ्य विज्ञान प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टिट्यूट- टीएचएसटीआई) के संयुक्त परिसर फ़रीदाबाद (हरियाणा) में आयोजित होने वाला चार दिवसीय आवासीय कार्यक्रम में भारत के प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश से आठवीं कक्षा से ग्यारहवीं कक्षा तक के छात्रों को आमंत्रित किया गया है। भारत के प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश से आठवीं कक्षा से ग्यारहवीं कक्षा तक के छात्रों को आमंत्रित किया। विशेष ध्यान आकांक्षी जिलों, अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती जिलों के पहले गांवों और देश के दूर-दराज के क्षेत्रों के छात्रों पर है। इस आयोजन का विषय “विज्ञान भविष्य है: और इसमें कल के विज्ञान नेताओं को प्रेरित करना (फ्यूचर इस साइंस: इंस्पायरिंग टुमौरोज साइंस लीडर्स)” और उपविषय “अंतरिक्ष अन्वेषण: बेहतर दुनिया के लिए अग्रणी समाधान” (स्पेस एक्सप्लोरेशन : पायनियरिंग सौल्यूशन्स फॉर अ बैटर वर्ल्ड) है। इस आयोजन का समन्वय विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), राष्ट्रीय नवप्रवर्तन संस्थान ( नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन -एनआईएफ) – भारत, और विज्ञान भारती ( विभा -वीआईबीएचए) द्वारा किया गया है।
कार्यक्रम की गतिविधियाँ छात्रों को समूह में कार्य (टीम वर्क), नेतृत्व और पारस्परिक कौशल के विकास के लिए वैज्ञानिक अवधारणाओं और समस्या सुलझाने की योग्यता का पता लगाने का अवसर प्रदान करेंगी। 1600 छात्रों को 200 छात्रों के 8 समूहों में वर्गीकृत किया गया है, जहां प्रत्येक समूह एक प्रतिष्ठित भारतीय वैज्ञानिक के नाम पर एक घर का प्रतिनिधित्व कर रहा है। जगदीश चंद्र बोस, श्रीनिवास रामानुजन, सीवी रमन, होमी जहांगीर भाभा, विक्रम साराभाई, हर गोबिंद खुराना, एम.एस. स्वामीनाथन, और एपीजे अब्दुल कलाम ऐसे घरों के नाम हैं। सभी कार्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (नेशनल एजुकेशन पालिसी- एनईपी) 2020 के उन सिद्धांतों के अनुरूप हैं, जो समग्र शिक्षा को बढ़ावा देने में योगदान दे रहे हैं। छात्र नवाचार प्रदर्शनी छात्र विज्ञान ग्राम का एक और विशेष कार्यक्रम है जिसमें इंस्पायर – मानक (आईएनएसपीआईआरई – एमएएनएके) योजना के राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता प्रोटोटाइप के रूप में अपनी नवीन प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन करेंगे। लगभग 20-25 छात्र इस प्रदर्शनी का हिस्सा बनेंगे।
यह आयोजन व्यावहारिक प्रयोग, परस्पर सम्पर्क (इंटरैक्टिव) प्रदर्शन और वैज्ञानिकों, तकनीकी विशेषज्ञों (टेक्नोक्रेट्स) , शिक्षकों और नवप्रवर्तकों (इनोवेटर्स) के साथ सम्पर्क प्रदान करेगा। ऐसे में स्वस्थ परस्पर सम्पर्क छात्रों को अभ्यास करके और विज्ञान जगत से जुड़कर सीखने में सक्षम बनाएगी। इसके अतिरिक्त, छात्र अनुसंधान और विकास, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, वैज्ञानिक चर्चा और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं की बेहतर समझ प्राप्त करने के लिए वैज्ञानिक फिल्में, विशाल विज्ञान प्रदर्शनियां (मेगा साइंस एक्सपो) देख सकेंगे और वैज्ञानिक संस्थानों का पता लगा सकेंगे। सभी गतिविधियों की योजना इस तरह से बनाई गई है जिससे कि छात्र विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार (एसटीआई) में अपनी रुचियों और कौशलों की खोज करने में सक्षम हो सकें और महत्वपूर्ण विचारक बन सकें। इससे अगली पीढ़ी के युवा वैज्ञानिकों और नवप्रवर्तकों को प्रेरणा देने और सशक्त बनाने में मदद मिलेगी। यह उन्हें नए भारत के लिए तैयार करेगा, एक ऐसे युग के लिए जहां भारत एक वैश्विक नेता बनेगा। और यह केवल विज्ञान और प्रौद्योगिकी को अपनाकर तार्किक और तर्कसंगत सोच प्राप्त करने से ही संभव है।
इस आयोजन के अपेक्षित परिणाम निम्नलिखित हैं:
- वैज्ञानिक साक्षरता, आलोचनात्मक सोच को बढ़ावा देना और युवाओं को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) में अपना करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करना।
- उन्नत समस्या समाधान, बेहतर सामूहिक कार्य (टीम वर्क) और संचार कौशल तैयार करना।
- राष्ट्र निर्माण में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के महत्व की बेहतर समझ बनाना।
- विज्ञान, प्रौद्योगिकी और सार्वजनिक नीति में भावी नेता बनने के लिए प्रेरित करना।
- अन्य छात्रों, शिक्षकों और वैज्ञानिकों के साथ नेटवर्किंग के अवसर तलाशना।
वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंशान परिषद- राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसन्धान संस्थान (काउंसिल ऑफ़ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च -सीएसआईआर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस कम्युनिकेशन एंड पॉलिसी रिसर्च -एनआईएससीपीआर)) में विज्ञान मीडिया सम्पर्क प्रकोष्ठ (साइंस मीडिया कम्युनिकेशन सेल -एसएमसीसी) भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल – आईआईएसएफ) 2023 के मीडिया प्रचार का समन्वय और सुविधा प्रदान कर रहा है। एसएमसीसी का मुख्य उद्देश्य प्रचार करना और मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों पर भारत की अनुसंधान एवं विकास सफलताओं और वैज्ञानिक उपलब्धियों को प्रदर्शित करना है ।