एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने महाराष्ट्र में अक्षय ऊर्जा पार्कों के निर्माण के लिए महाजेनको से समझौता किया

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एनटीपीसी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एनजीईएल) ने महाराष्ट्र राज्य में अक्षय ऊर्जा पार्कों के निर्माण के लिए महाराष्ट्र स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड (महाजेनको) के साथ संयुक्त उद्यम समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस संयुक्त उद्यम के तहत स्थापित होने वाली कंपनी जीडब्ल्यू-स्केल अक्षय ऊर्जा पार्क विकसित करेगी और चरणबद्ध तरीके से इस पैमाने की परियोजनाएं शुरू करेगी। यह समझौता एनटीपीसी के हरित ऊर्जा उद्देश्यों के अनुरूप है और ऊर्जा परिवर्तन की दिशा में भारत सरकार के प्रयासों में एक और कदम है।

इस संयुक्त उद्यम समझौते पर 28 फरवरी, 2024 को नई दिल्ली में एनटीपीसी मुख्यालय में महाजेनको के निदेशक (परियोजनाएं) अभय हरने और सीजीएम (एनजीईएल)  वी. वी. शिवकुमार ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर एनटीपीसी लिमिटेड के सीएमडी गुरदीप सिंह; महाजेनको के सीएमडी डॉ. पी. अनबालगन; एनटीपीसी लिमिटेड के निदेशक (परियोजनाएं) और अध्यक्ष (एनजीईएल) के. एस. सुंदरम; सीईओ (एनजीईएल) मोहित भार्गव; और एनटीपीसी आरईएल के सीईओ राजीव गुप्ता सहित एनजीईएल और महाजेनको के कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

एनटीपीसी भारत की सबसे बड़ी एकीकृत बिजली कंपनी है, जिसकी संयुक्त उद्यम और सहायक कंपनियों सहित कुल स्थापित क्षमता लगभग 74 गीगावॉट है। अपने अक्षय ऊर्जा पोर्टफोलियो को बढ़ाने के हिस्से के रूप में एक पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी “एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड” (एनजीईएल) का गठन किया गया है, जो हरित हाइड्रोजन, ऊर्जा भंडारण प्रौद्योगिकियों और चौबीसों घंटे अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में व्यवसायों सहित अक्षय ऊर्जा पार्क निर्माण और परियोजनाएं शुरू करेगी।

एनटीपीसी समूह की वर्ष 2032 तक 60 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा क्षमता प्राप्त करने की महत्वाकांक्षी योजना है। वर्तमान में, इसकी स्थापित आरई क्षमता 3.4 गीगावॉट है और 22 गीगावॉट से अधिक की क्षमता पाइपलाइन में है। एनटीपीसी महाराष्ट्र और भारत के डीकार्बोनाइजेशन यानी शून्य कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य को हासिल करने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है।

महाजेनको की स्थापित क्षमता लगभग 13,170 मेगावाट है जिसमें 9,540 मेगावाट थर्मल, 2,580 मेगावाट हाइड्रो, 672 मेगावाट गैस और 378 मेगावाट सौर-आधारित बिजली संयंत्र क्षमता शामिल है।