भावी सांसद आर पी मौर्य ने बदायूँ के नाम लिखा पत्र

उत्तर प्रदेश लखनऊ समाचार
  • देश और समाज के प्रति दर्द छलका, की बड़ी अपील
  • जनता की अदालत में कह सुनाई दिल की बात
  • मेरे प्रिय भाइयों,बहनों, माताओं एवं पिता तुल्य बुजुर्गों, आप सभी के श्री चरणों में आर पी मौर्य का सादर प्रणाम ! शत शत नमन व वंदन ।

गोदी मीडिया हमारे साथ नहीं है, न ही उनको देने के लिए हमारे पास नाजायज पैसे हैं, इसीलिए हमारी बातें आप तक नहीं पहुँच पाती होंगी, फिलहाल आप तक जो संदेश हम पहुंचाना चाहते हैं उसे ध्यान से जरूर पूरा पढ़ें, शांति से चिंतन और मंथन करें कि मेरी जगह आपका सगा बेटा होता तो आप क्या करते, क्या निर्णय लेते? आपको क्या करना है आपकी जिम्मेदारी क्या है , हम तो अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाने के लिए कमर कस चुके हैं । आपके हर निर्णय का हम दिल से स्वागत करते हैं, अंतिम सांस तक आपकी सेवा में पूर्ण निष्ठा से समर्पित रहेंगे । यह हमारा दृढ़ संकल्प है ।


मै,एक गरीब किसान का बेटा हूँ, मुझे इस बात का गर्व है कि मैं जमीन से जुड़ा हूँ । हमारा मूल निवास अयोध्या जिले में है, वर्तमान में मै दिल्ली में रहता हूँ । पिता जी ने खून पसीने की कमाई से मुझे पढ़ाया लिखाया । पिता जी चाहते थे कि बेटा पढ़-लिखकर आईएएस बने, पहले तो हमने भी सोचा था, जब आईएएस बनने का वक्त आया तब तक मै इस समाज को काफी समझ चुका था। हमारे अंदर स्वाभिमान, सच्चाई, ईमानदारी कूट-कूट कर भरी है, मुझे झूठ, अन्याय,शोषण,अत्याचार आदि जो जनकल्याण में नहीं है, से सख्त नफरत है । सोचा कि आईएएस बन भी गया तो इस भ्रष्ट सिस्टम का गुलाम होना पड़ेगा और न चाहते हुए आम जनता के साथ अन्याय करना पड़ेगा, अपनी आँखों के सामने देखना पड़ेगा, जो मुझसे नहीं होता, नौकरी छोड़नी पड़ती, दस सालों के बाद लौटकर इसी मार्ग आना हमारी मजबूरी बन जाती ।
अतः हमने आईएएस बनने या नौकरी करने का इरादा बदल दिया । आज तक बहुत आईएएस बने, देश में कुछ बदला है क्या ? 99% दो आईएएस जून की रोटी के लिए भ्रष्ट नेताओं के गुलाम बने रहते हैं और जनता के साथ अन्याय करते हैं ।

दिल्ली में सिग्मा इंस्टिट्यूट के माध्यम से इंजीनियरिंग/मेडिकल के बच्चों को शिक्षा देने का कार्य करने लगा, इसके दो कारण थे एक तो हमारी रुचि थी दूसरा बाहरी झंझटों से कोई लेना देना नहीं था। इस भ्रष्ट सिस्टम से खुद को दूर रखना चाहता था। लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था ।


इसी बीच एक घटना हमारे घर पर घटती है, एक दबंग ने हमारी जमीन पर जबरन कब्जा कर लिया । फर्जी तरीके से रिपोर्ट लिखी जाती है । सब पैसे और राजनीतिक पहुँच का खेल चलता है। कई नेताओं का दरवाजा खटखटाया लेकिन जैसे किसी को कोई दर्द ही नहीं, चिंता ही नहीं, उनकी नजरों में यह सब आम बात है, होता रहता है । यह देख कर मन व्यथित होता है, पढे लिखे होने के बाद भी भ्रष्ट सिस्टम के द्वारा अपमानित भी होना पड़ा। ऐसा लगा कि आज हमारा शिक्षित/सज्जन होना इस भ्रष्ट सिस्टम में बेकार है । अधिकारी से चपरासी तक, सबको अंधाधुंध पैसे चाहिए, गुंडे माफियाओं का राज है अर्थात जिसकी लाठी उसकी भैंस, आम इंसान का कोई सुनने वाला नहीं है । फिर हमने कमर कस ली और निर्णय लिया कि यदि हम समस्या से भागते हैं तो समस्या हमारा पीछा कभी नही छोड़ेगी । इसीलिए समस्याओं से लड़ने की ठान ली । हमने भगवान बुद्ध के उन वचनों को याद किया कि समस्या है तो उसका कारण है, कारण है तो निवारण भी। हमने देश की समस्याओं को जड़ से जान लिया है और उसके समूल नाश के लिए समाधान भी खोज लिया है ।

इसके सम्पूर्ण हल के लिए सिर्फ आपका साथ सहयोग चाहिए । हमने देखा कि यह समस्या सिर्फ मेरी ही नही, हर तीसरे घर की है । इसके लिए एक एनजीओ बनाया, 15 सालों से 24 घंटे तन मन धन से देश और समाज के प्रति समर्पित हूँ, यह जगजाहिर है । बदायूँ की ही नहीं देश की कई जन समस्याओं का समाधान कर चुका हूँ । कठिन परिस्थियों को झेलते हुए, प्राप्त अनुभव के आधार पर अब सत्ता हथियाना बहुत जरूरी हो गया है बिना उसके आपकी ही नही पूरे देश की समस्याओं का कोई समुचित समाधान नही है । राजनीति में आने से पहले हमने लगभग सभी पार्टियों का आँकलन किया और पाया कि किसी का भी उद्देश्य आपकी सेवा और समस्याओं का अंत है ही नहीं, सभी मनुवाद, व्यक्तिवाद, परिवारवाद में लिप्त राजनीति को व्यापार समझ रही है और कर रही है । जिसकी वजह से आज समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है । इसलिए हमने नए राजनीतिक दल “भारतीय राष्ट्रीय पार्टी(लो) बीआरपी का गठन 10 जनवरी 2021 को किया और आपकी सेवा में पूर्ण निष्ठा से लगें हैं ताकि आपके हर सवालों के प्रति जबाबदेह रह सकूँ । यह पार्टी व्यक्तिवाद, जातिवाद,मनुवाद,परिवारवाद आदि घातक बीमारियों से मुक्त है । बीआरपी आपकी अपनी पार्टी है अपना परिवार है, यह भारत की प्रथम और अंतिम पार्टी है, इसमें नीति है सिद्धांत है, नियम है कानून है जो सभी के लिए समान है, आपको और आपके आने वाली पीढ़ी को पूर्ण भागीदारी मिली है, कल को मै रहूँ या न रहूँ, आपको या आपके आने वाली पीढ़ी के सभी दरवाजे खुले मिलेंगे, बसपा की तरह नहीं मान्यवर कांशीराम जी के न रहने के बाद पार्टी एक व्यक्ति के गुलाम हो जाएगी। वही पर सपा परिवारवाद से ग्रसित है और बीजेपी के झांसाराम जी का पूछना ही क्या, मनुवाद से ग्रसित व्यापारियों को देश बेंचकर आपको विकास की फुलझड़ी दिखाई जा रही है । हिस्सेदारी की बात करें तो जहां दो क्विंटल राशन आपके हिस्से में आता है वही पाँच किलो देकर एहसान जताया जा रहा है ।


उत्तर प्रदेश की सामाजिक, राजनीतिक और भौगोलिक स्थिति को समझने के लिए पिछले दिनों हमने उत्तर प्रदेश की 90 दिन की “जीवन दर्शन यात्रा” की और पाया कि बदायूँ एक ऐसा जिला है जहाँ समस्या ही समस्या है जबकि बदायूँ की जनता पूरी तरह जागरूक है और सत्ताधारी शोषणकारियों को पटकनी देने के लिए पूर्ण सक्षम है लेकिन कोई सटीक विकल्प नहीं मिल पा रहा है । इसी विकल्प को देने के लिए हमने बदायूँ को मॉडल जिला घोषित किया है और यह निर्णय किया कि कुछ भी हो, मुझे खुद को कुर्बान क्यों न करना पड़े, बदायूँ की एक एक समस्या को जड़ से खत्म करके ही रहूँगा ।

पिछले दिनों विधानसभा चुनाव -2022 के दौरान हमने विधानसभा बिल्सी से बहन शिल्पी शाक्य जी को चुनाव मैदान में उतारा था, जीत की पूरी तैयारी थी, बिल्सी विधानसभा की आम आवाम ने साथ भी दिया, बीजेपी को जब लगने लगा कि उनका जीतना संभव नहीं है तो उन्होंने षड्यन्त्र के तहत फर्जी तीन-तीन एफआईआर करवाया और फर्जी मेडिकल बनवाकर एसडीएम को मारने का झूठा आरोप लगाया, रैली रोकी, हमारे कार्यालय पर छापेमारी कर हमारे साथ साथ कई साथियों को 14 दिन तक जेल में रखा, इसी बीच हमारा पर्चा भी दबाव बनाकर खारिज कर दिया गया । बदायूँ की जेल में हमने अपनी जीवन दर्शन यात्रा के दौरान जो नहीं देखा था वह देख लिया, देखा कि प्रशासन के साथ साथ बदायूँ की जेल पूरी तरह भ्रष्ट है । न जाने कितने निर्दोष भाइयों को फर्जी तरीके से जेल में बंद कर रखा है और अधिकारी अपना अपना रिकार्ड बना रहे हैं, जेल में निर्दोष भाइयों से मिलकर मेरे आँखों से आँशू निकल आ गए, उनका कोई सुनने वाला नहीं, उनके दर्द को देख कर अपना दर्द खत्म सा गया । बदायूँ भ्रष्टाचार -रिश्वतखोरी में पूरी तरह लिप्त है, अधिकारी से चपरासी तक बिना पैसे के कोई कार्य नहीं करता, शिक्षा के मामले में सबसे पीछे है न ढंग का स्कूल है और न ही कॉलेज, न्याय की तो उम्मीद ही मत करना, चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह जर्जर है बिना इलाज के न जाने कितने लोग आए दिन मारे जा रहे हैं । तभी हमने ठाना कि बदायूँ की हर समस्या के समुचित समाधान के लिए हमारा अब सांसद बनना बेहद जरूरी हो गया है ।

राजनीति जो त्याग का विषय है वह आज भोग का विषय बन चुका है। बड़े बड़े लोग जिन्हे आपके दुख दर्द से कोई मतलब नहीं है, राजनीति में व्यापार करने आते हैं । करोड़ों रुपये लगाने के बाद जब आप उन्हे सांसद बना देते हैं अंधाधुंध पैसे कमाते हैं और कभी आपके दरवाजे पर झाँकने तक नहीं आते हैं । हमें इस राजनीति को बदलनी है, इसके लिए हमें अपनी सोच बदलनी होगी, क्योंकि सारी शक्ति आपके वोट और सोच में है । आप ही इस लोकतंत्र के भगवान हैं आप चाहे तो राई को पर्वत और पर्वत को राई बना सकते हैं । किसी ने सच कहा कि वोट और बेटी बेंची नहीं जाती वल्कि जिम्मेदार हाथों में सौपी जाती हैं । आपके वोट पर सिर्फ आपके घर का ही नहीं पूरे देश का भविष्य टिका हुआ है ।

अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि अपने इस बेटे को एक बार सेवा का अवसर दें, खुलकर वोट दें, जीतने के बाद बदायूँ का सांसद हर किसान होगा । बदायूँ के लिए जो कार्य हम कर सकते है वह मोदी जी कभी जिंदगी में सोच भी नही सकते हैं । जुमलों और दिखावे से भ्रमित मत होइएगा । हम तन मन धन से आपके खुशहाल जीवन के लिए हर संभव प्रयास करूंगा । दावा है कि एक दिन बदायूँ का कायाकल्प बदल दूंगा और बदायूँ का नाम उत्तर प्रदेश में ही नहीं, पूरे भारत में गर्व से लिया जाएगा कि आपने आर पी मौर्य को सांसद बनाकर बदायूँ का ही नहीं समूचे भारत का भाग्य खोल दिया है ।
आपके अमूल्य वोट के साथ साथ एक नोट की भी अपील करता हूँ क्योंकि बदायूँ लोकसभा बहुत बड़ी है हर घर तक हम और हमारे कार्यकर्ता भूखे प्यासे कैसे पहुचेंगे ? यह हमारे लिए बड़ा सवाल भी है और चुनौती भी, जब आप और आपका आशीर्वाद है तो मुझे इसकी चिंता भी नहीं है । लक्ष्य कठिन जरूर है लेकिन असंभव नही । विजय निश्चित है।