ब्यूरो रिपोर्ट – प्रेम कुमार शुक्ल, अमेठी, उत्तर प्रदेश
अमेठी। अपर जिलाधिकारी(वि0/रा0) अर्पित गुप्ता ने बताया कि ग्रीष्मकाल के दौरान प्रायः मौसम का तापमान सामान्य से अधिक हो जाता है, इस समय खेतों में खड़ी गेहूँ की फसल लगभग पकने के लिए तैयार रहती है जो कि गर्म वातावरण में किसी भी कारण यथा बिजली के तारों के आपसी रगड़ से उत्पन्न हुई चिंगारी, खेतों में लगे हुए बिजली के ट्रांसफार्मर से निकली चिंगारी अथवा धूम्रपान के कारण लगने वाली आग से विकराल रूप धारण कर लेती है, जिस कारण व्यापक फसल क्षति एवं जनहानि की संभावना रहती है। उन्होंने बताया कि इन घटनाओं से बचने के लिए जिला आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा किसानों को विभिन्न उपायों का पालन करने की सलाह दिया गया है जिसके तहत जहां खेतों में ट्रांसफार्मर लगे हुए है, उसके अगल-बगल लगभग 10 मीटर की लम्बाई चौड़ाई में सुरक्षा की दृष्टि से गेहूं की कटाई अन्य खेतों की अपेक्षा पहले कर लेनी चाहिए, जिससे विद्युत् स्पार्क होने पर खेत में आग नही फैल सकें तथा खेतों के ऊपर से गुजरने वाले बिजली के जर्जर तारों के आपसी रगड़ से उत्पन्न होने वाली चिंगारी से बचाव के लिए बिजली विभाग के सम्बन्धित उपकेंद्र के अभियंता को समय से सूचित करते हुए तारों को कसने अथवा बदलने के लिए से संपर्क करें। उन्होंने बताया कि काटे गये फसल के गट्ठर को एक साथ न रखते हुए अलग रखे, जिससे किसी भी तरह की आग लगने की घटना होने पर सम्पूर्ण फसल के जलने की संभावना कम होगी तथा फसल काटते समय साथ काम करने वाले श्रमिकों को धूम्रपान करने के लिए अनिवार्य रूप से मना किया जाय। इस सम्बन्ध में उन्होंने बताया कि यदि किसी कारणवश खेतों में आग लग जाती है तो तत्काल अग्निशमन विभाग को सूचित करने के साथ ही अपनी वास्तविक लोकेशन एवं आने वाले समीपवर्ती रास्ते के बारे में अवगत कराये जिससे सही स्थान पर अग्निशमन विभाग तत्काल पहुँच सकें।