बहराइच: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में जंगलों की खामोशी और गांवों की चौपालों पर छाया डर तब टूटा, जब वन विभाग की टीम ने एक और खूंखार आदमखोर भेड़िए को धर दबोचा। इस आदमखोर की दहशत ने पिछले कई हफ्तों से ग्रामीण इलाकों को अपनी गिरफ्त में ले रखा था। अब तक इस खतरनाक शिकारी ने 10 मासूम लोगों की जान ले ली थी, जिससे इलाके में खौफ का माहौल व्याप्त था।
आदमखोर भेड़ियों का कहर: इंसान बना शिकार
यह पहली बार नहीं था कि बहराइच के जंगलों में भेड़ियों का आतंक छाया हो। इससे पहले भी वन विभाग ने दो मादा और दो नर भेड़ियों को पकड़ा था, जो इंसानों पर हमले के लिए कुख्यात हो चुके थे। हर बार गांवों में सुबह से शाम तक यह चर्चा होती रहती थी कि किसने भेड़ियों को देखा, कहां पर हमला हुआ, और कैसे गांव के लोग अपने परिवारों को सुरक्षित रखने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। इन आदमखोरों ने खेतों और जंगलों में काम करने वाले ग्रामीणों पर हमला कर उन्हें अपना शिकार बनाया।
आदमखोर की तलाश: टीम का साहसिक प्रयास
वन विभाग और स्थानीय पुलिस की टीमों ने इस आदमखोर भेड़िये को पकड़ने के लिए दिन-रात एक कर दिया। इस खतरनाक शिकारी की चपलता और चालाकी के कारण उसे पकड़ना आसान नहीं था, लेकिन अंततः वन विभाग ने योजना बनाकर इसे धर दबोचा। सूत्रों के अनुसार, भेड़िया पहले भी कई बार जाल में फंसने से बच निकला था। लेकिन टीम ने नई तकनीकों का इस्तेमाल कर उसे फंसाया। इस बार ग्रामीणों के साथ मिलकर उन्होंने भेड़िए के ठिकानों पर नजर रखी और उसे अंततः गिरफ्तार किया।
गांववालों में राहत की लहर
इस खबर के फैलते ही पूरे बहराइच जिले में खुशी और राहत का माहौल है। पिछले कई दिनों से दहशत में जी रहे ग्रामीण अब राहत की सांस ले रहे हैं। गांवों में यह खबर आग की तरह फैल गई और लोग वन विभाग के इस साहसिक प्रयास की प्रशंसा कर रहे हैं। एक ग्रामीण ने कहा, “हमने कई रातें जागकर बिताई हैं। अपने बच्चों को घर से बाहर नहीं निकलने दिया। आज भेड़िये के पकड़े जाने से हमें राहत मिली है।” बहराइच का यह क्षेत्र पहले भी ऐसे जानलेवा हमलों के लिए जाना जाता रहा है। घने जंगलों और मानव बस्तियों के नजदीक होने के कारण भेड़ियों और इंसानों का संघर्ष यहां पुराना है। भेड़िये स्वाभाविक रूप से शर्मीले जानवर होते हैं, लेकिन जब वे आदमखोर बन जाते हैं, तो वे अपने मूल व्यवहार से भटक जाते हैं और मानव बस्तियों की ओर आकर्षित होने लगते हैं।
वन विभाग अब इस घटना से सबक लेते हुए भविष्य में ऐसे हमलों से बचने के लिए योजना बना रहा है। अधिकारियों के अनुसार, जंगलों के नजदीक बसे गांवों में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा और लोगों को जंगल में सुरक्षित रहने के उपाय बताए जाएंगे। वन अधिकारियों का कहना है कि आदमखोर भेड़ियों की संख्या में वृद्धि एक चिंताजनक स्थिति है, और इसे रोकने के लिए विशेष रणनीतियों पर काम किया जा रहा है। बहराइच के जंगलों से आदमखोर भेड़िये की गिरफ्तारी केवल वन विभाग की जीत नहीं, बल्कि उन सभी ग्रामीणों के साहस और संकल्प की भी जीत है, जिन्होंने मिलकर इस मुश्किल घड़ी में धैर्य बनाए रखा। यह घटना हमें याद दिलाती है कि जब इंसान और जानवरों के बीच संघर्ष होता है, तो केवल साहस, योजना और टीमवर्क ही इसका समाधान निकाल सकता है। अब बहराइच के जंगलों में एक बार फिर शांति लौट आई है, लेकिन इस संघर्ष की गूंज लंबे समय तक यादों में ताजा रहेगी।