संवाददाता- मनोज कुमार सिंह, आजमगढ़, उत्तर प्रदेश
आजमगढ़, उत्तर प्रदेश – एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर से समृद्ध भूमि, जहाँ कला, संस्कृति और इतिहास का समागम अद्वितीय रूप में देखने को मिलता है। इसी कड़ी में, आज 18 सितंबर 2024 को आजमगढ़ महोत्सव-2024 का राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज, आजमगढ़ में भव्य उद्घाटन किया गया। इस पांच दिवसीय महोत्सव (18-22 सितंबर) का शुभारंभ उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री मा. सूर्य प्रताप शाही द्वारा किया गया। यह महोत्सव न केवल एक सांस्कृतिक आयोजन है, बल्कि आजमगढ़ की प्राचीन धरोहरों, लोककला, और संस्कृति को पुनः जीवित करने और नई पीढ़ी को इससे जोड़ने का एक महान अवसर है।
आजमगढ़ महोत्सव: एक सांस्कृतिक संगम
महोत्सव के शुभारंभ पर मा. मंत्री जी ने समस्त जनपदवासियों को इस अद्वितीय आयोजन का हिस्सा बनने और इसे सफल बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “आजमगढ़ महोत्सव एक ऐसा मंच है, जहाँ हमारे जिले की प्राचीन धरोहरों, कला और संस्कृति को संजोने और प्रदर्शित करने का सुनहरा अवसर प्राप्त होता है। यहाँ स्थानीय कलाकारों को अपनी कला का प्रदर्शन करने का अवसर मिलता है, जो वास्तव में हमारी सांस्कृतिक विरासत को और भी समृद्ध करता है।” मंत्री जी ने महोत्सव में भाग लेने वाले सभी कलाकारों को हार्दिक बधाई देते हुए कहा, “इस मंच पर जो भी कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे, वे वास्तव में आजमगढ़ की कला-संस्कृति के वाहक हैं। मैं सभी कलाकारों को शुभकामनाएँ देता हूँ और जिला प्रशासन को इस भव्य आयोजन के लिए धन्यवाद देता हूँ।”
महोत्सव की रौनक: सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की धूम
इस भव्य महोत्सव का पहला दिन विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सराबोर रहा। विजय प्यारे, विजय लक्ष्मी गुप्ता, अरुण सिंह अनाड़ी, और नंदिनी गोड़ द्वारा लोक गायन ने उपस्थित दर्शकों का मन मोह लिया। वहीं, मुकेश कुमार एवं दल (अयोध्या) द्वारा उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र प्रयागराज की प्रस्तुति फरवही/कहरवा लोक नृत्य ने इस महोत्सव को एक नए आयाम तक पहुँचाया।
इसके अलावा, कुमकुम आदर्श के नेतृत्व में दी गई अद्भुत कथक समूह नृत्य प्रस्तुति और हुनर संस्थान आजमगढ़ के कलाकारों द्वारा गणेश वन्दना एवं थीम सॉन्ग पर सामूहिक नृत्य की प्रस्तुति ने महोत्सव में चार चाँद लगा दिए। आराधना सिंह के लोक गायन ने स्थानीय कला और संस्कृति के प्रति एक नई रुचि जगाई, वहीं राजस्थानी डांस ग्रुप और साधो बैण्ड की प्रस्तुति ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
आजमगढ़ की धरोहर और इतिहास की झलक
जिलाधिकारी श्री नवनीत सिंह चहल ने महोत्सव के शुभारंभ पर कहा, “यह महोत्सव आजमगढ़ के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित किया जा रहा है। इसमें देश, प्रदेश और जनपद की धरोहरों, संस्कृति और कला को प्रदर्शित किया जा रहा है।” उन्होंने महोत्सव में स्थानीय, प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों की प्रस्तुति को आजमगढ़ की सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक बताया। इस मौके पर उन्होंने जनपदवासियों से अपील की कि वे इस अद्वितीय महोत्सव में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें और इसे सफल बनाने में अपना योगदान दें।
प्रशासनिक और जनप्रतिनिधियों की गरिमामयी उपस्थिति
महोत्सव के उद्घाटन समारोह में पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना, मुख्य विकास अधिकारी परीक्षित खटाना, अपर जिलाधिकारी आजाद भगत सिंह, अपर जिलाधिकारी प्रशासन राहुल विश्वकर्मा, मुख्य राजस्व अधिकारी विनय कुमार गुप्ता, एवं अन्य जिला स्तरीय अधिकारीगण उपस्थित रहे। इसके साथ ही मा. जन प्रतिनिधिगण की उपस्थिति ने महोत्सव को और भी गरिमामयी बना दिया। आजमगढ़ महोत्सव-2024 केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि आजमगढ़ की कला, संस्कृति और धरोहरों को जीवित रखने का एक महापर्व है। यह महोत्सव न केवल स्थानीय कलाकारों को एक विशाल मंच प्रदान करता है, बल्कि आजमगढ़ के गौरवशाली इतिहास को भी उजागर करता है। जनपदवासी इस महोत्सव का भरपूर आनंद लें और इसे सफल बनाने में अपना योगदान दें, यही अपील की गई है। आइए, हम सब मिलकर इस अद्वितीय सांस्कृतिक उत्सव का हिस्सा बनें और अपने इतिहास, संस्कृति और धरोहरों को संजोएं।