ब्यूरो प्रमुख- एन. अंसारी, मंडल गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
बांसगांव। चिकित्सा जगत में उस समय खलबली मच गई जब जिला औषधि निरीक्षक राहुल कुमार के नेतृत्व में औषधि विभाग की टीम ने बांसगांव के प्रमुख मेडिकल स्टोर्स पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान शक्ति मेडिकल स्टोर और शुभम मेडिकल स्टोर पर ड्रग्स के सैम्पल लिए गए, जबकि अन्य दुकानदारों ने अपनी-अपनी दुकानें बंद कर मौके से भागने में ही भलाई समझी।
जिला औषधि निरीक्षक राहुल कुमार ने कस्बे के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सामने स्थित शक्ति मेडिकल स्टोर पर छापा मारा, जहां से उन्होंने दो प्रमुख दवाओं के सैम्पल लिए। निरीक्षण के दौरान लाइसेंस की जांच में बड़ी खामियां पाई गईं। शक्ति मेडिकल स्टोर का लाइसेंस सही ढंग से मार्क नहीं किया गया था। लाइसेंस में स्थान के तौर पर मस्जिद के बगल का जिक्र था, जबकि वर्तमान में स्टोर वहां से लगभग सौ मीटर दूर संचालित हो रहा था। ऐसे अनियमितताओं ने प्रशासन को चौंकाया और दुकानदारों की साख पर सवाल खड़े कर दिए।
शुभम मेडिकल स्टोर पर छापेमारी के दौरान स्थिति और भी गंभीर पाई गई। यहां न तो फार्मासिस्ट मौजूद था और न ही दुकान का मालिक। इस लापरवाही को देखते हुए मौके पर उपस्थित कर्मचारियों को बाहर निकालकर दुकान को सील कर दिया गया। ड्रग इंस्पेक्टर ने कड़े निर्देश दिए कि लाइसेंस के सत्यापन तक शुभम मेडिकल स्टोर बंद रहेगा। यह प्रशासन की ओर से साफ संदेश था कि मेडिकल क्षेत्र में नियमों की अनदेखी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।जैसे ही छापेमारी की खबर फैली, कस्बे के अन्य मेडिकल स्टोर्स के मालिकों में हड़कंप मच गया। दुकानदार अपनी दुकानें बंद कर मौके से भाग निकले। यह स्थिति खुद ही इस ओर इशारा करती है कि औषधि नियमों के उल्लंघन की संभावना कितनी व्यापक हो सकती है।
ड्रग इंस्पेक्टर राहुल कुमार ने बताया कि औषधि विभाग का यह कदम जनता को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। नियमों का पालन न करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि किसी भी प्रकार की नकली या घटिया दवाओं का बाजार में प्रवेश न हो सके। इस तरह की छापेमारी से यह स्पष्ट होता है कि मेडिकल स्टोर्स पर नियमों की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। लाइसेंस में खामियों और बिना फार्मासिस्ट के स्टोर्स चलाने जैसी गंभीर अनियमितताएं न सिर्फ कानून का उल्लंघन हैं, बल्कि मरीजों की सुरक्षा के लिए भी एक बड़ा खतरा हैं। ऐसे में औषधि विभाग का यह अभियान जनता की सेहत और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए चलाया जा रहा है, ताकि भविष्य में कोई भी स्टोर नियमों की अनदेखी करने से पहले सौ बार सोचे।
बांसगांव में हुए इस छापे ने यह साफ कर दिया है कि प्रशासन दवाओं की गुणवत्ता और मेडिकल स्टोर्स की विश्वसनीयता को लेकर पूरी तरह गंभीर है। यह कदम ना केवल नियमों का पालन सुनिश्चित करेगा, बल्कि चिकित्सा क्षेत्र में फैले भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगाएगा। जनता के हितों को प्राथमिकता देते हुए औषधि निरीक्षण विभाग का यह प्रयास एक उदाहरण है कि कैसे एक जिम्मेदार प्रशासन अपने नागरिकों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए दृढ़ संकल्पित है। इस प्रकार की आकर्षक और सजीव शैली में लिखी गई खबर, पाठकों को न केवल सूचित करेगी, बल्कि उनके भीतर विश्वास और जागरूकता भी उत्पन्न करेगी।