ब्यूरो प्रमुख- एन. अंसारी
कौड़ीराम, गोरखपुर। रचा है श्रृष्टि को जिस प्रभु ने वही ये श्रृष्टि चला रहा है।आस्था उल्लास एवं हरियाली के महीने सावन में बाबा बालेश्वर नाथ मंदिर में चल रहे शिव महापुराण के पांचवें दिन भगवान कार्तिकेय का जन्म व गणेश जी के सिर कटने का वृतान्त एवं विवाह का वर्णन सुनकर श्रोता भाव विभोर हो गए । संगीतमयी भजनों द्वारा मुकेशानंद पुरी महराज ने श्रोताओं को मन्त्रमुग्ध कर दिया।कथा के बाद आरती और भजन के समय श्रोता झूमकर नाचने लगे। श्रोतागण हर हर महादेव के नारे लगाते हुए कथा का रसपान किए । कथा सुनाते हुए मुकेशानंद पुरी महाराज ने कहा की शिव की महिमा सुनने से और शिव की पूजा करने से सारे विघ्न दूर हो जाते हैं। सावन मास में भगवान शिव की आराधना करने से भगवान भोलेनाथ बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं एवं भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं। इस मौके पर शिव महापुराण कथा के संयोजक दिनेश गोस्वामी, चुन्नू दुबे, श्रवण प्रजापति ,प्रमोद कसौधन,राकेश दुबे, अशोक अभिमन्यु राय, आलोक दुबे, अशोक वर्मा, राकेश वर्मा, सोनू शर्मा व अन्य क्षेत्रवासी मौजूद रहे।