नई वैज्ञानिक ऊर्जा के साथ भारत का भविष्य आकार ले रहा है। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नई क्रांति का आगाज हुआ है। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने मीडिया के साथ एक दूरदर्शी बातचीत में बताया कि ‘‘विज्ञान पर ज़ोर’’ मोदी 3.0 के प्राथमिक लक्ष्यों में शामिल है। सरकार का यह कदम ‘विकसित भारत’ का सपना साकार करने की दिशा में उठाया गया है।
भारत को एक वैश्विक नवाचार केंद्र बनाने के उद्देश्य से सरकार ने 1,000 करोड़ रुपये के वेंचर कैपिटल फंड की शुरुआत की है, जो देश में उभरते अंतरिक्ष स्टार्टअप्स को समर्पित है। इस फंड के जरिए लगभग 300 अंतरिक्ष स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे भारत का अंतरिक्ष इकोसिस्टम सशक्त होगा। अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी सहभागिता से कुछ ही वर्षों में भारत ने उल्लेखनीय प्रगति की है। आज भारत सैकड़ों अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी कंपनियों का घर बन चुका है, जो वैश्विक स्तर पर उसकी बढ़ती विज्ञान-संवर्धित पहचान का प्रतीक है।
चंद्रयान-3 मिशन की सफलता ने भी भारत को विश्व स्तर पर मान्यता दिलाई है। ‘‘हमारी अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रही है,’’ डॉ. सिंह ने गर्व से कहा। इसके साथ ही गगनयान मिशन पर भी चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि भारत का पहला मानव चालक दल वाला अंतरिक्ष मिशन अब अपनी अंतिम तैयारी में है, जिसमें एक महिला रोबोट परीक्षण उड़ान भी शामिल है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्रों में परिवर्तनकारी पहलों का भी उल्लेख किया। इस श्रृंखला में भारत की बायोई3 नीति का शुभारंभ हुआ, जो जैव-अर्थव्यवस्था के निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। जैव-ईंधन और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देते हुए यह नीति, परंपरागत ईंधन संसाधनों पर निर्भरता को कम करने और जैविक संसाधनों के उपयोग से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने का प्रयास है। डॉ. सिंह ने बताया कि इस पहल से भारत पारंपरिक विनिर्माण से हटकर जैव-अर्थव्यवस्था पर आधारित अगली औद्योगिक क्रांति की ओर बढ़ेगा।
इसके साथ ही, मोदी सरकार का ‘‘मिशन मौसम’’ भी एक उल्लेखनीय पहल है, जो न केवल भारत के लिए, बल्कि बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों को भी सटीक मौसम पूर्वानुमान प्रदान करेगा। नई तकनीक और एआई-संचालित अनुप्रयोगों के माध्यम से, किसानों और अन्य हितधारकों को हाइपर-लोकल, घंटे-दर-घंटे पूर्वानुमान उपलब्ध होगा। यह मिशन आपदाओं से बचाव और कृषि को सशक्त बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी रेखांकित किया कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में विज्ञान और प्रौद्योगिकी को लेकर उठाए गए यह कदम देश की आत्मनिर्भरता और वैश्विक नेतृत्व के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वैज्ञानिक भागीदारी में सहयोग आवश्यक है और भारत-जर्मनी साझेदारी इसका आदर्श उदाहरण है। जर्मनी के साथ संयुक्त परियोजनाओं के जरिए जैव प्रौद्योगिकी और नवीकरणीय ऊर्जा में एक मजबूत नींव रखी गई है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, ‘‘हमारा उद्देश्य केवल विज्ञान को सशक्त बनाना नहीं है, बल्कि इसे समाज की भलाई और आर्थिक विकास के लिए उपयोगी बनाना है।’’ उन्होंने जोर देकर कहा कि आत्मनिर्भर, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सशक्त और भविष्य के लिए तैयार भारत का निर्माण ही प्रधानमंत्री का मुख्य विजन है।
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के ये प्रारंभिक 100 दिन विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक अभूतपूर्व बदलाव का प्रतीक बन चुके हैं। विज्ञान के जरिए ‘विकसित भारत’ के इस लक्ष्य की दिशा में बढ़ते इन कदमों से न केवल अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी, बल्कि भारत विश्व मंच पर अपनी वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकीय शक्ति का विस्तार भी करेगा।