गोरखपुर। पेंशनरों के साथ दशकों से हो रहे कथित अन्याय और घोटाले का मामला राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की बैठक में प्रमुखता से उठाया गया। लोक निर्माण विभाग के डाक बंगला परिसर में आयोजित इस बैठक में पेंशन कटौती में हुए राष्ट्रव्यापी घोटाले का पर्दाफाश करते हुए परिषद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से 11 वर्ष में कटौती बंद करने और अतिरिक्त राशि वापस लौटाने की मांग की।
पेंशनरों के साथ धोखा: हाईकोर्ट का खुलासा
परिषद के अध्यक्ष रूपेश कुमार श्रीवास्तव ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद सामने आए पेंशन घोटाले पर रोशनी डालते हुए कहा, “आजादी के बाद से ही सभी सरकारें पेंशनरों के साथ अन्याय करती रही हैं। रिटायरमेंट के समय पेंशनर जो 40% पेंशन सरकार को बेचता है, उसकी कटौती ब्याज सहित 10 साल 11 महीने में पूरी हो जाती है। बावजूद इसके, यह कटौती 15 वर्षों तक जारी रहती है, जो कि पेंशनरों के साथ सरासर अन्याय और घोटाला है।”
मुख्यमंत्री से कार्रवाई की मांग
परिषद के महामंत्री मदन मुरारी शुक्ल ने कहा कि पेंशनरों की यह पीड़ा बेहद संवेदनशील है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की, “उत्तर प्रदेश सरकार को तत्काल 15 वर्षों की जगह 11 वर्ष में कटौती बंद करने का शासनादेश जारी करना चाहिए। साथ ही, जो अतिरिक्त कटौती की गई है, वह पेंशनरों या उनके परिजनों को वापस की जाए। यह कदम पेंशनरों के लिए न्याय का मार्ग प्रशस्त करेगा।”
बैठक की अध्यक्षता रूपेश कुमार श्रीवास्तव ने की और संचालन वरिष्ठ उपाध्यक्ष पंडित श्याम नारायण शुक्ल ने किया। परिषद के संरक्षक अशोक पांडेय और गोविंद जी ने पेंशन घोटाले पर चिंता व्यक्त की। बैठक में कई कर्मचारी नेता और पेंशनर प्रतिनिधि मौजूद थे, जिन्होंने इस मुद्दे पर एकजुटता दिखाई।परिषद ने तय किया कि इस मुद्दे को राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर उठाया जाएगा। अगर मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो आंदोलन की योजना बनाई जाएगी।