सभ्य समाज व राष्ट्र के निर्माण में युवाओं की भूमिका काफी अहम – करम हुसैन इदरीसी
ब्यूरो रिपोर्ट- फिरोज अहमद सिद्धार्थनगर उत्तर प्रदेश
सिद्धार्थनगर- स्वामी विवेकानन्द में पारदर्शिता, सत्यनिष्ठा, सकारात्मक विचार की भावना कूटकूट कर भरी हुई थी। सकारात्मक सोच देशवासियों में होने पर देश उन्नति के रास्ते पर आगे बढ़ सकता है। पुराने गौरव को वापस प्राप्त करने और आधुनिक भारत को विश्व पटल पर पहुचाने में प्रत्येक नागरिक का योगदान जरूरी है। लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मनुष्य को सतत पर्यत्नशीलता रखनी चाहिए। उक्त बातें नगर पंचायत बढ़नी में यूथ हॉस्टल एसोसिएशन बढ़नी इकाई द्वारा आयोजित महापुरुष स्वामी विवेकानन्द की जयन्ती राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक करम हुसैन इदरीसी ने कही। उन्होंने कहा कि सभ्य समाज व राष्ट्र के निर्माण में युवाओं की भूमिका काफ़ी अहम है। यूथ हॉस्टल एसोसिएशन बढ़नी इकाई चेयरमैन कृष्णगोपाल जायसवाल ने यूथ हास्टल्स के कार्य एवं उद्देश्य, टूर ट्रेकिंग प्रोग्राम की चर्चा करते हुये कहा कि देश दुनिया को भारत के गौरवशाली अतीत से परिचय कराने का काम महापुरुष स्वामी विवेकानन्द ने सैंकड़ों साल पहले करा दिया था। वर्तमान समय में भारत देश तमाम क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका में है। देशवासियों के प्रेरणास्रोत रहे स्वामी जी ने जीवन जीने का तरीका बताते हुए देश के नागरिकों में राष्ट्रीय चेतना को जगाने और राष्ट्र प्रेम भावना को भरने का काम किया। उन्होंने कहा कि भारत देश की धराधाम पर जन्मे स्वामी जी का जीवन दर्शन देश ही नहीं अपितु पूरे विश्व को वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को आत्मसात करने का संदेश देता है। डा0 राजन उपाध्याय, हरगोविन्द मिश्र, अब्दुल क्यूम खान, अपूर्व श्रीवास्तव, राणा प्रताप सिंह ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किये। डा0 नन्दकिशोर शर्मा ने गीत व मुकुल शर्मा ने अपने बांसुरी वादन से लोगो को मंत्रमुग्ध किया। विचार गोष्ठी व जयंती कार्यक्रम की अध्यक्षता एसोसिएशन अध्यक्ष विजय जायसवाल ने की। कार्यक्रम की शुरुआत स्वामी विवेकानन्द के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित कर व दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। एसोशिएशन ने समाज में ज्ञान की ज्योति को फैलाने और और स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने व समाज व राष्ट्र प्रेम भावना के लिए प्रेरित करने का संकल्प लिया। इस दौरान गुलाब चन्द, गोयल, राकेश मोदनवाल, शौर्य मोहन गुप्त, राणाप्रताप, आचार्य रामेश्वर प्रसाद चौधरी, शम्भू प्रसाद आदि लोग मौजूद रहें।