एक दिन होगा अतीत की नींव पर भविष्य का निर्माण | प्रियांका

अमेठी

ब्यूरो रिपोर्ट – प्रेम कुमार शुक्ल, अमेठी

प्रियांका आई हैं। कांग्रेस के लिए। कांग्रेस जनों के लिए। चुनाव के लिए। उत्तर प्रदेश के लिए। अवाम के लिए। किसान के लिए। मजदूर के लिए। महिला के लिए। हर किसी के लिए।

वे हर उस आवाज का साथ देने आई हैं जो अभी निकल रही है। वे हर उस दर्द को दूर करने की कोशिश करने आई हैं जो सालो से बना हुआ है। वे हर उस कदम को गति देने आई हैं जो तरक्की की राह पर जाना चाहता है।

सही है वे चुनाव के समय आई हैं। सही है वे कम आती हैं। सही है वे सियासत कर रही हैं। सही है वे सत्ता खोज रही हैं। सही है उनके परिवार पर तमाम आरोप हैं।

लेकिन यूपी वालों यह भी सही है कि जब आपके अपने परदेश से पैदल आ रहे थे। जब उनके पांवों के छालों से निकल रहे खून को देखकर भी समाजवाद एसी कमरे में कैद हो गया था। बहुजन हिताय के बोल नहीं निकल रही थी। सड़के मजदूर से पटी थी। हुकूमत उन्हें अपने ही देश के प्रवासी कह रही थी तो यही प्रियंका थी जो उनको घर भेजने के लिए बसें लेकर खड़ी थी। सड़कों पर बसों की कतारें थी और उन्हें मदद तक न करने दी गई।

याद करिए वे तब भी आई थीं जब एक-एक सांस के लिए जनता संघर्ष कर रही थी। एक एक सिलेंडर के लिए संघर्ष कर रही थी। उस समय उनकी पहल पर छत्तीसगढ़ से लखनऊ के लिए ऑक्सीजन गैस आ गई थी। उस समय उन्होंने अपने लिए रखी गई रिमेडेसीविर को किसी और को दे दिया था। कांग्रेसी गांव गांव शहर शहर मदद।के लिए दौड़ रहे थे। सियासी आरोप लगाने वालों किसी और विपक्षी नेता ने ऐसा कुछ किया हो तो उसे बता दीजिएगा।

उनका आना कांग्रेस में ऊर्जा का आना है। उनका आना स्फूर्ति का आना है। उनका आना पतझड़ में बसंत का आना है। उनका आना तपती जमीन पर बूंद का आना है। उनका आना तेज का आना है। उनका आना ओज का आना है।

आप उनके पिता, भाई, मां, पति को गाली देने के लिए स्वतंत्र हैं। वे अपनी मां की अच्छी बेटी हैं। अपने भाई की अच्छी बहन हैं। अपने पति की अच्छी पत्नी हैं और बच्चों की अच्छी मां। उसी तरह कांग्रेस वालो के संगठन की वे अच्छी नेता हैं। पारिवारिक मुखिया।

वे हिन्दू मुसलमान के लिए नहीं आई हैं। वे भारत पाकिस्तान के लिए नहीं आई हैं। वे तालिबान पर बात करने नही आई हैं। वे किसान के लिए बात कर रही। वे मजदूर की बात कर रही। वे महिला की बात कर रही। वे रोजगार पर बात कर रही। वे स्वास्थ्य पर बात कर रही।
अगर आपके लिए ये मुद्दे हैं तो वे आप के लिए आई हैं।

प्रियांका इंदिरा नहीं हैं। इंदिरा अलग थी। प्रियांका अलग हैं। इंदिरा उत्साह थी। प्रियांका विपरीत परिस्थिति में उत्साह हैं। इंदिरा आकर्षण थी। प्रियांका स्नेह हैं। इंदिरा ऊर्जा थी। प्रियांका ज्योति पुंज हैं।

मुझे नहीं पता वर्तमान के आधार पर यूपी में कांग्रेस का भविष्य क्या होगा? मै कोई अतिरेक वाली बात करना भी नही चाहता। लेकिन मैं इतना जरूर कहूंगा एक दिन यूपी का स्वर्णिम इतिहास लिखने में प्रियांका का भी योगदान होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *