अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस, विगत विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस और विश्व बेघर जन् दिवस के अवसर पर सेफ सोसायटी द्वारा “मंथन- बेघर बालिकाओं और उनके परिवारों की मानसिक स्वास्थ्य के लिए पुनर्वास रणनीतियां विकसित करने पर कार्यशाला” कार्यक्रम का आयोजन।

गोरखपुर

संवाददाता  – बी. पी. मिश्र, गोरखपुर

गोरखपुर 11 अक्टूबर 2921सेफ सोसायटी, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के गृह विज्ञान विभाग एवं महिला अध्ययन केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को एक दिवसीय कार्यशाला “मंथन” का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य गृहविहीन बालिकाओं एवं उनके परिवारों की मानसिक स्वास्थ्य को पुनः स्थापित करने की रणनीतियां विकसित करना था। मंथन कार्यक्रम का आरंभ मुख्य अतिथि राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष श्रीमती अंजू चौधरी ने दीप प्रज्वलित करके किया। मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में सेफ सोसाइटी द्वारा आयोजित कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम बालिकाओं की मानसिक स्वास्थ्य एवं सामाजिक उन्नति के लिए सहायक सिद्ध होंगे। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में गृह विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ दिव्या रानी सिंह, बाल अधिकार के विशेषज्ञ श्री ओ. एन. तिवारी, सीडब्ल्यूसी गोरखपुर की अध्यक्ष वंदना सिंह, यूनिसेफ की तकनीकी संसाधन व्यक्ति सितारा सिद्दीकी, बाल कल्याण समिति के सदस्य अरुण राव, चाइल्डलाइन के सिटी कोऑर्डिनेटर सत्य प्रकाश, अमित कच्छप, प्रवक्ता सी॰डब्लू॰सी॰ एवं अन्य अतिथि उपस्थित रहें। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता गृह विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ दिव्या रानी सिंह एवं ऑनलाइन माध्यम द्वारा बापू ट्रस्ट की उपनिदेशक कविता नायर, आर्ट बेसस्ड थेरेपी के चिकित्सक चारुशिला वानखेडे तथा बोट के संस्थापक विक्रमजीत सिन्हा ने अपने वक्तव्य को रखा।गृह विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ दिव्या रानी सिंह ने अपने स्वागत भाषण में अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर विशेष रूप से गृहविहीन एवं बेघर बालिकाओं के सामने आने वाले मानसिक चुनौतियां जैसे- व्यक्तिगत स्वास्थ्य, बाल-विवाह, सामाजिक असुरक्षा और उनके अधिकारों के संरक्षण पर अपने विचार व्यक्त कीं। कार्यक्रम के दौरान बापू ट्रस्ट की उपनिदेशक कविता नायर द्वारा एकीकृत कला आधारित चिकित्सा एवं मानसिक स्वास्थ्य सुरक्षा संबंधी प्रयोगों पर अपने उद्बोधन से प्रतिभागियों को लाभान्वित किया। इसके साथ-साथ सेफ सोसाइटी के लाभार्थी बच्चे और उनके माता-पिता ने आर्ट बेस्ट थेरेपी के प्रयोगों पर अपने अनुभव को साझा किये। कार्यक्रम में पैनल के सदस्यों ने मानसिक स्वास्थ्य के लिए क्रियात्मक योजना पर विभिन्न रणनीतियों सहित सामूहिक चर्चा किया। सितारा सिद्दीकी ने श्रम विभाग की योजना जैसे की बाल श्रमिक विद्या योजना, बाल सेवा योजना, लेबर कार्ड के विषय में विस्तार से बताया।से सोसाइटी के कार्यक्रम प्रबंधक बृजेश चतुर्वेदी ने मनोवैज्ञानिक आघातों को विस्तृत में वर्णन करते हुए बताया कि कला आधारित चिकित्सा सभी वर्ग के लोगों के लिए प्रभावी उपकरण है। इस उपकरण का प्रयोग सेफ सोसायटी द्वारा बेघर, सड़कों पर तथा रेलवे स्टेशन पर रहने वाले बच्चों की क्रियाशीलता, रचनात्मकता, सृजनात्मकता, कल्पनाशीलता को विकसित करने तथा उन्हें सकारात्मक दिशा में प्रेरित करने के लिए निष्पादित किया जा रहा है। इसके साथ-साथ उन बच्चों को सामुदायिक रेडियो स्टेशन पर जूनियर रेडियो जॉकी का प्रशिक्षण देना, गोरखपुर महोत्सव जैसे विभिन्न सामाजिक प्लेटफार्म पर मंच प्रदान करती रहती है जिससे कि बच्चों के मन से संकोच, कुंठा, भय आदि जैसे नकारात्मक संवेग को निकाला जा सके। सेफ सोसाइटी एक गैर सरकारी संस्था है जिसे संयुक्त राष्ट्र के साथ विशेष सलाहकार की स्थिति का दर्जा प्राप्त है। यह संस्था पिछले 16 वर्षों से गोरखपुर एवं लखनऊ मंडल में बाल एवं महिलाओं से संबंधित मुद्दों जैसे- कल्याण, सुरक्षा, अधिकार आदि पर कार्य कर रही है। इस तथ्य का प्रमाण 524 बच्चों एवं उनके माता-पिता का पुनः एकीकरण करना, सरकारी योजनाओं से जोड़ना, कानूनी नियमों के बारे में जागरूकता पैदा करना, क्षमता निर्माण कार्यक्रम, संसाधन सहायता आदि है। संस्था ने कोविड महामारी के दौरान उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के प्रशासन को वेंटिलेटर, अस्पताल के लिए बिस्तर, पी॰पी॰ई॰ किट आदि निःशुल्क प्रदान किए हैं। कार्यशाला के इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन श्री ब्रजेश चतुर्वेदी ने किया। कार्यक्रम में मुख्य भूमिका में मनोज श्रीवास्तव, ज्ञानेश्वर जयसवाल, शर्मिला गुप्ता, एजाजुल खान, सुनिधि गुप्ता, आकाश वर्मा, श्रीनिवास एवं स्वयंसेवक रहे। इसके साथ-साथ विभिन्न सरकारी विभागों के सदस्य, बाल कल्याण पुलिस अधिकारी, शोधार्थी, छात्र-छात्राएं एवं मीडिया कर्मी उपस्थित रहे।

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