अमेठी पुलिस की कड़ी पैरवी का नतीजा 9 वर्ष की सजा व एक लाख का अर्थदण्ड

अमेठी

ब्यूरो रिपोर्ट- प्रेम कुमार शुक्ल,अमेठी

  • मिशन शक्ति
  • थाना संग्रामपुर क्षेत्र के उत्तरगांव का मामला
  • अदालत का कडा फैसला

अमेठी | पुलिस अधीक्षक अमेठी दिनेश सिंह के निर्देशन में, अपर पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार पाण्डेय के पर्यवेक्षण में महिला संबन्धी अपराधों में अपराधियों के विरुद्ध न्यायालय में चल रहे अभियोगों में मानीटरिंग सेल द्वारा प्रभावी पैरवी कर “मिशन शक्ति” अभियान के अन्तर्गत अमेठी पुलिस द्वारा न्यायालय सुल्तानपुर में मु0अ0सं0 500/02 धारा 306, 498ए भादवि में 3 अभियुक्तो को 9 साल की सजा व एक लाख अर्थदण्ड कराये जाने मे सफलता हासिल की है

पुलिस अधीक्षक कार्यालय द्धारा मिली जानकारी के मुताबिक सुनील कुमार तिवारी उर्फ राजीव कुमार तिवारी, बब्लू उर्फ अनिल कुमार तिवारी पुत्रगण स्व0 भारत प्रताप तिवारी सुशीला पत्नी बब्लू उर्फ अनिल कुमार तिवारी निवासीगण पूरे दयाल मिश्र का पुरवा मजरे उत्तरगांव थाना संग्रामपुर जनपद अमेठी को दोष सिद्ध कराने में सफलता प्राप्त हुई । परिणाम स्वरूप अपर सत्र न्यायाधीश/एफटीसी सुल्तानपुर द्वारा धाऱा 306 भादवि में 9 वर्ष के साधारण कारावास व 1 लाख रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया, अर्थदंड न अदा करने पर 1 वर्ष के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनायी गयी तथा धारा 498ए भादवि के तहत कारित अपराध के लिए प्रत्येक को 2 वर्ष के साधारण कारावास व 25 हजार रूपये के अर्थदंड व अर्थदंड न अदा करने पर 2 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनायी गयी ।

एस पी आफिस के मीडिया सेल से मिली जानकारी के अनुसार घटना
वादी रामबहादुर पाण्डेय पुत्र रामकृपाल नि0 पूरे गनेशलाल भरेथा थाना व जनपद अमेठी द्वारा दिनांक 29.11.2002 को समय अदम तहरीर की सूचना वादी की पुत्री अपने पति सुनील कुमार तिवारी उर्फ राजीव कुमार तिवारी, जेठ बब्लू उर्फ अनिल कुमार तिवारी पुत्रगण स्व0 भारत प्रताप तिवारी सुशीला पत्नी बब्लू उर्फ अनिल कुमार तिवारी निवासीगण पूरे दयाल मिश्र का पुरवा मजरे उत्तरगांव थाना संग्रामपुर जनपद अमेठी एवं जेठानी सुशीला पत्नी बब्लू उर्फ अनिल कुमार तिवारी से प्रताड़ित होकर आत्महत्या कर लेने की इस सूचना पर थाना संग्रामपुर में मु0अ0सं0 500/02 धारा 306, 498ए भादवि पंजीकृत होकर उ0नि0 एम0एल0 बाजपेयी द्वारा ग्रहण करते हुए विवेचना जरिये आरोप पत्र संख्या ए-74 दिनांक 08.12.2002 को मा0 न्यायालय प्रेषित की गयी ।

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