ब्यूरो रिपोर्ट- सुनील विष्णु चिलप
मुंबई। महाराष्ट्र में राज्य सरकार ने प्रदेश में कार्यरत सभी राज्यकर्मियों के दो दिन का वेतन काटकर उसे मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कराए जाने का आदेश दिया है। वही पुलिस विभाग सरकार के इस फैसले से संतुष्ट नहीं है और उसके कर्मियों और उनके परिवार के लोगों ने इंटरनेट मीडिया के जरिये अपना विरोध जताया है। सरकार की ओर से यह आदेश सात मई को जारी किया गया है। महाराष्ट्र में करीब 1.95 लाख पुलिसकर्मी हैं जिनमें 15 हजार महिलाएं हैं। वेतन में कटौती के फैसले से नाखुश पुलिसकर्मियों ने कहा है कि सरकार उनका वेतन काटे जो घर से दफ्तर का काम कर रहे हैं। उन लोगों का वेतन काटे जो सप्ताह में सिर्फ पांच दिन और प्रत्येक दिन महज आठ घंटे की नौकरी कर रहे हैं।
पुलिसकर्मियों का वेतन न काटा जाए जिनकी ड्यूटी के दिन और घंटे, दोनों ही अनिश्चित होते हैं। कोरोना के दौर में पुलिसकर्मियों ने जान जोखिम में डालकर रात-दिन काम किया है। इसी के कारण पिछले एक साल में 422 पुलिसकर्मियों को कोरोना से संक्रमित होकर जान गंवानी पड़ी है। इनमें से सिर्फ बीती अप्रैल में 68 पुलिसकर्मी मरे हैं। एक पुलिस अधिकारी के अनुसार हम रात-दिन सड़कों पर काम करके लोगों को कोरोना संक्रमण से बचा रहे हैं। हमारे लिए एक दिन का वेतन भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसलिए मुख्यमंत्री को सरकार के फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत में सीएम उद्धव ठाकरे ने केंद्र से मिल रहे मार्गदर्शन और मदद के लिए पीएम का आभार जताया और उनसे राज्य के लिए आक्सीजन का कोटा बढ़ाने की मांग की। ठाकरे ने प्रधानमंत्री को यह भी बताया कि महाराष्ट्र कोरोना की तीसरी संभावित लहर से निपटने के लिए क्या-क्या योजना बना रहा है। ठाकरे ने मोदी से महाराष्ट्र को टीकाकरण के लिए को-विन एप की तर्ज पर अपना एप बनाने की अनुमति देने का भी आग्रह किया जो केंद्रीय को-विन एप से जुड़ा रहेगा। राज्य सरकार का मानना है कि यह एप टीकाकरण के इच्छुक राज्य के लोगों के लिए मददगार साबित होगा। ठाकरे ने पीएम से कहा कि टीकाकरण के इच्छुक ज्यादा लोगों के एक साथ लाग इन करने पर को-विन एप क्रैश कर जाता है। जिससे लोगों को असुविधा होती है। महाराष्ट्र अरसे से सीरम इंस्टीट्यूट एवं भारत बायोटेक के अलावा किसी अन्य वैक्सीन निर्माता से भी वैक्सीन खरीदने की इच्छा जताता रहा है। पीएम से शनिवार को हुई चर्चा में ठाकरे ने कहा कि राज्य को यदि इसकी अनुमति मिलती है तो कम समय में अधिक लोगों को टीका लगाया जा सकता है।संयोग से मोदी-ठाकरे की यह वार्ता ठीक उसी दिन हुई है, जब शिवसेना मुखपत्र सामना में सेंट्रल विस्टा परियोजना पर केंद्र की तीखी आलोचना की गई है।