मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में एएफ़पी कार्यशाला का हुआ आयोजन

अमेठी

अमेठी।  जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय स्थित सभागार में बृहस्पतिवार को एएफ़पी (एक्यूट फ्लेसिड पैरालिसिस) और वैक्सीन प्रिवेंटिबल डिजीज पर कार्यशाला का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में जनपद के सभी एमओआईसी, एम ओ व पैरामेडिकल स्टाफ ने प्रतिभाग किया । कार्यशाला का शुभारम्भ करते हुए सीएमओ डॉक्टर विमलेन्दु शेखर ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा स्वास्थ्य की बहुत सी योजनाएं संचालित है। इन योजनाओं का लाभ अमेठी की जनता को मिले इसका प्रयास ईमानदारी से होना चाहिए।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए डीआईओ डा सीएस अग्रवाल ने एएफ़पी व वीपीडी सर्विलान्स को सुधारने व केस आयडेंटिफ़ाई करने पर ज़ोर दिया गया । पोलियो, खसरा, गलघोटू,काली खांसी व नियोनेटल टिटनेस ये सब बीमारियों के मरीज को समय से रिपोर्ट करने का कार्य करे।
एसएमओ डॉक्टर ज़कारिया चौहान द्वारा सभी को ट्रेनिंग दी गयी । उन्होंने बताया कि एएफपी (एक्यूट फ्लेसिड पैरालिसिस) एक नैदानिक सिंड्रोम है जिसे कमजोर मांसपेशियों की टोन के साथ कमजोरी या पक्षाघात की तीव्र शुरुआत से परिभाषित किया जाता है । वैक्सीन प्रिवेंटिबल डिजीज ऐसी बीमारियां हैं जिससे समय पर टीकाकरण से बचाव हो सकता है, जैसे – टिटनेस, गलघोंटू, खसरा, फ्लेसिड पैरालिसिस और काली खांसी आदि । यह सभी बीमारियाँ नोटीफाईबल वैक्सीन प्रिवेंटिबल डिजीज (एन.वी.पी.डी.) में आती हैं, डब्ल्यू.एच.ओ. नेशनल पब्लिक हेल्थ सर्विलांस प्रोजेक्ट के तकनीकी सहयोग से इन बीमारियों की निगरानी की जाती है । इन बीमारियों के लक्षणों वाले किसी भी मरीज़ की जानकारी होते ही तुरंत स्वास्थ्य विभाग को सूचना देनी चाहिए । इससे बीमारी की रोकथाम और मरीज़ को जल्द उपचार देने में बहुत सहायता मिलती है । कार्यशाला में बच्चों में क्लिनिक्ली पोलीओ के लक्षणो के बारे में लाइव डेमो के माध्यम से सभी को प्ररशिक्षण दिया गया ।
इसके बाद बैठक कर नियमित टीकाकरण पर समीक्षा की गयी व उसके सुधार के लिए सभी एमओआईसी से चर्चा की गयी । इस मौके पर एमओआईसी डा प्रदीप तिवारी, सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *