अमेठी , जिले में एक से 30 सितम्बर के बीच “राष्ट्रीय पोषण माह” कार्यक्रम मनाया जा रहा है। उक्त जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी संतोष कुमार श्रीवास्तव ने दी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष प्रमुख रूप से चार थीम महिला एवं स्वास्थ्य, बच्चा एवं शिक्षा- पोषण भी पढ़ाई व पेयजल संरक्षण एवं प्रबंधन के साथ ही महिलाओं एवं बच्चों के लिए परंपरागत आहार निर्धारित किये गये हैं| कार्यक्रम के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता जिले की गर्भवती एवं बच्चों को कुपोषण मुक्त करने के लिए जन जागरूकता करने व इस दौरान चिन्हित गर्भवती व बच्चों को लाभान्वित भी किया जायेगा| उन्होंने बताया कि पोषण माह अभियान को प्रभावी बनाने के लिए जन-जागरूकता व सामुदायिक सहयोग के द्वारा अति-कुपोषित बच्चों, किशोरियों व महिलाओं को आंगनबाड़ी केंद्र, विद्यालयों, शासकीय परिसरों एवं समुदाय को जागरूक करना है, जिससे समुदाय को कुपोषण मुक्त किया जा सके। लगभग दो साल से देश गंभीर परिस्थिति से गुजर रहा है जिसमें सभी का दायित्व है कि ऐसे दौर में जन आंदोलन की तरह पोषण माह दिवस के मध्यम से जागरूक कर बीमारी और कुपोषण से बचाया जा सके और कुपोषित मुक्त भारत का निर्माण किया जा सके | उन्होने बताया कि राष्ट्रीय पोषण माह अभियान के अंतर्गत जनपद के विकास खंडों में विभिन्न ग्राम सभा के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की ओर से पौधरोपण के प्रति जागरूक किया जा रहा है। इसमें गर्भवती व धात्री महिलाओं के तथा कुपोषित बच्चों के घरों में पौष्टिक सब्जियों, फलों के पौधों का रोपण किया जा रहा है। साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ग्रामीणों को किचन गार्डन यानि पोषण वाटिका के महत्व को भी बताया जा रहा है। उनके घरों तथा आंगनबाड़ी केंद्रों के परिसर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की ओर से पौष्टिक सब्जियों में सहजन, तरोई, लौकी,नींबू तथा आंवला आदि के पौधों का रोपण कार्य किया जा रहा है।
जिससे गर्भवती व धात्री महिलाओं तथा बच्चों को कम लागत में घर पर ही पौष्टिक सब्जियों तथा फलों का लाभ मिल सके। सितंबर माह पोषण माह के रूप में मनाया जाता है,पहले पखवाड़े में महिला एवं बाल कल्याण विभाग और स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग मिलकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा और एएनएम के सहयोग से मिलकर छह वर्ष तक के बच्चों की लंबाई और वजन की जांच अभियान की शुरुवात की गई है | पोषण माह पखवाड़ा के पहले सप्ताह में एक से सात सितंबर तक पौधा रोपण अभियान के तहत पोषण वाटिका तैयार की गई। गर्भवती को बेहतर पोषण के प्रति जागरूक करने के लिए कई अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। पोषण माह का दूसरे सप्ताह में पोषण के लिए योगा और आयुष के महत्व की जानकारी दी जाएगी । बेहतर स्वास्थ्य के लिए आयुष में उपलब्ध विकल्पों की जानकारी दी जाएगी | साथ ही स्कूली बच्चों, किशोर-किशोरियों के लिए योगा सत्र आयोजित किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि तीसरा सप्ताह में पुष्टाहार का वितरण किया जाएगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा घरेलू साग सब्जी के पोषकयुक्त भोजन को लेकर जागरूक करेंगी। और महीने के चौथे सप्ताह में ब्लॉक वार कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों को चिन्हित कर उन्हें नजदीकी चिकित्सालय की सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
