आजमगढ़: तहसील सगड़ी क्षेत्र का देवराअंचल प्राकृतिक आपदाओं के साथ-साथ कभी-कभी शासन प्रशासन के उपेक्षाओं का भी शिकार होता रहा है | जिसके कारण आला अधिकारियों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए देवारा वासियों को बार-बार संघर्ष करना पड़ता है | ऐसा ही मंजर इस वर्ष भी देखने को मिला जहां विगत कई दिनों से घाघरा नदी अपने उफान पर है, जिसने लगभग 132 गांव को अपनी चपेट में ले रखा है तो वहीँ लगभग 90% घरों में पानी ने अपना आशियाना बना रखा है | बाढ़ के पानी ने किसानों की खड़ी फसल को तो नस्ट किया ही साथ में घरों में रखे खाने पीने के सामान को भी अपने कब्जे में ले लिया | ऐसे में जिलाधिकारी आजमगढ़ के ट्वीट से देवारावासिओं का सब्र टूट गया और वे सो रहे आजमगढ़ के जिम्मेदार आला अधिकारिओं को नींद से जगाने के लिए और उनतक अपनी बात पहुँचाने के लिए देवारा के विकास में अग्रणी भूमिका निभा रही सामाजिक संगठन देवारा विकास सेवा समिति की अगुवाई में चिकनहवां ढाला से कुड़ही ढाला तक लगभग 7 किलोमीटर तक पैदल मार्च किया और बाढ़ प्रभावित क्षेत्र को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की मांग की| इस पैदल मार्च को प्रयास सामाजिक संगठन व बाढ़ पीड़ित संगठन का भी समर्थन मिला |देवारावासियों ने आजमगढ़ प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि इस विकट परिस्थिति में भी यदि आजमगढ़ प्रशासन सोया रहेगा तो देवारा वासी एक बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होंगे और इसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी
डीएम के ट्वीट से टुटा बाढ़ पीड़ितों का सब्र, सामाजिक संगठनों के नेतृत्व में निकला पैदल मार्च, प्रभावित क्षेत्र को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की हुई मांग |
