केन्द्रीय राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर 6 अगस्त को आईआईटी मद्रास द्वारा आयोजित ‘डिजिटल इंडिया आरआईएससी-वी’ संगोष्ठी में भाग लेंगे

दिल्ली समाचार

केंद्रीय कौशल विकास, उद्यमशीलता और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर रविवार को चेन्नई में आईआईटी मद्रास और आईआईटी-एम प्रवर्तक टेक्नोलॉजीज फाउंडेशन द्वारा आयोजित ‘डिजिटल इंडिया आरआईएससी-वी’ संगोष्ठी में भाग लेंगे।

‘आरआईएससी-वी पाथवे के माध्यम से भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स का भविष्य’ प्रदर्शित करने वाले आयोजन में छात्र, उद्योग पेशेवर, शोधकर्ता और वे सभी लोग भाग लेंगे जो भारत में बढ़ते आरआईएससी-वी इकोसिस्टम के बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त करने के इच्छुक हैं।

श्री राजीव चन्द्रशेखर और आईआईटी मद्रास के निदेशक, प्रोफेसर वी कामकोटि अन्य गणमान्य व्यक्तियों सहित इस कार्यक्रम को संबोधित करेंगे।

संगोष्ठी में शिक्षाविदों और उद्योग विशेषज्ञों द्वारा व्यावहारिक तकनीकी वार्ता, स्वदेशी आरआईएससी-वी प्रोसेसर को प्रदर्शित करने वाले इंटरैक्टिव स्टॉल, एक आकर्षक हैकथॉन और एक विशेष निवेशक सत्र की सुविधा होगी।

आरआईएससी-वी के बारे में

‘आरआईएससी’ का अर्थ है ‘रिड्यूस्ड इंस्ट्रक्शन सेट कंप्यूटर’ और ‘वी’ का अर्थ है पांचवीं पीढ़ी। आरआईएससी-वी परियोजना की शुरुआत वर्ष 2010 में हुई। आरआईएससी-वी आईएसए उदार मानक सहभागिता के माध्यम से नवाचार प्रोसेसर के नये युग को सक्षम बनाता है और इसका उद्देश्य ढांचे के लिए ऐसे नये मुक्त स्तरीय, एक्स्टेंसिबल सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर उपलब्ध कराना है, जो आगामी 50 वर्षों तक कम्प्यूटर पर डिज़ाइन तैयार करने और नवाचार में सहयोगी हों। प्रोफेसर कामकोटि ने आरआईएससी-वी आईएसए पर आधारित भारत का पहला स्वदेशी रूप से डिजाइन किया गया माइक्रोप्रोसेसर ‘शक्ति’ विकसित किया।

आरआईएससी-वी फाउंडेशन की स्थापना वर्ष 2015 में की गई थी और आईआईटी मद्रास इसके संस्थापक सदस्यों में से एक था। भारत सरकार ने डीआईआर-वी  (डिजिटल इंडिया आरआईएससी-वी) माइक्रोप्रोसेसर कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 2022 में की थी, जिसका मूल उद्देश्य वर्ष 2023 के दिसंबर माह तक दुनियाभर में भविष्य के लिए माइक्रोप्रोसेसर तैयार करना है व उद्योगों के लिए उपयोगी सिलिकॉन और डिज़ाइन का लक्ष्य प्राप्त करना भी है।

आरआईएससी-वी आईएसए आधारित डिज़ाइन का उपयोग विभिन्न कंपनियों और स्टार्ट-अप्स द्वारा किया जाता है। यह ओपन सोर्स है और निःशुल्क है। शिक्षाविदों के लिए आरआईएससी-वी आईएसए का शिक्षण कई रोमांचक अनुसंधान और अनुप्रयोगों के साथ एक उद्योग-प्रासंगिक पाठ्यक्रम का मार्ग प्रशस्त करता है।

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