संसद के मानसून सत्र में मणिपुर हिंसा का मुद्दा छाया रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 अगस्त को अविश्वास प्रस्ताव पर अपने जवाब 2 घंटे 12 मिनट के भाषण में 1 घंटे 32 मिनट बाद मणिपुर का जिक्र किया। इसके अगले दिन यानी 11 अगस्त को राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आर्मी मणिपुर में जारी हिंसा को दो दिन में खत्म कर सकती है।
अब राहुल के बयान पर भाजपा नेताओं ने जमकर निशाना साधा। मणिपुर में भाजपा की सहयोगी नेशनल पीपुल्स पार्टी के नेता रामेश्वर सिंह ने कहा कि राज्य में सर्जिकल स्ट्राइक करा देनी चाहिए। वहीं, पूर्व मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि क्या राहुल गांधी ये चाहते हैं कि आर्म्ड फोर्सेस वहां नागरिकों पर गोली चलाएं?
राज्य के हालात सुधारने के लिए सबसे असरदार कदम यही होगा कि यहां सर्जिकल स्ट्राइक करा दी जाए। राज्य में अवैध प्रवासी रह रहे हैं। कुछ एजेंसियों की तरफ से नैरेटिव बनाने की कोशिश की जा रही है कि सभी कुकी उग्रवादी कैंपों में हैं और सभी हथियार भी उन्हीं के ही पास हैं। ऐसे में लोगों का कहना है कि फिर कहां से गोलीबारी हो रही है। दूसरी तरफ से फायरिंग कौन कर रहा है?
राहुल गांधी के मन में लोकतंत्र की कोई भावना नहीं है। उनकी दादी और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1960 के दशक में एयरफोर्स को आइजोल में बम गिराने का आदेश दिया था। क्या राहुल गांधी भी यही चाहते हैं? रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी पर संसद में भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा- राहुल ना देश, ना ही राजनीति समझते हैं। मणिपुर में दो पक्षों के बीच काफी तनाव है। क्या राहुल गांधी को लगता है कि आर्म्ड फोर्सेज मणिपुर में भारतीयों पर गोली चलाएंगे या उन्हें लोगों को एकजुट करने की दिशा में काम करना चाहिए।
असम सीएम बोले भारतीय सेना कुछ भी ठीक नहीं कर सकती। वे सिर्फ कुछ समय के लिए शांति ला पाएंगे, इससे हल नहीं निकलेगा। वहां गोलियों से नहीं, दिल से समाधान निकलेगा। मणिपुर में 100 दिनों से ज्यादा समय से हिंसा जारी है। राहुल ने कहा कि सेना दो दिन में सब कुछ ठीक कर सकती है। इसका क्या मतलब है? उन्हें नागरिकों पर खुलेआम गोलियां चलानी चाहिए। क्या ये उनकी सलाह है? वो ऐसा कैसे कह सकते हैं?