माता बच्चों की प्रथम गुरु और परिवार है प्रथम पाठशाला

उत्तर प्रदेश गोरखपुर

 

गोलाबाजार, गोरखपुर । बच्चों के चरित्र निर्माण में सबसे प्रमुख भूमिका होती है ‘मां’ की; क्योंकि मां ही बच्चे की प्रथम गुरु होती है और उसका परिवार ही प्रथम पाठशाला है। मां शब्द स्वयं में पूर्णता को प्राप्त है। मां अपने बच्चों को केवल देना जानती है वह भी जीवन पर्यन्त। बच्चे की मां और परिवार किस प्रकार बच्चे की प्रारंभिक शिक्षा में प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं, इसी पर चर्चा के लिए आज शासन के निर्देशानुसार विद्यालय परिसर में ‘माता उन्मुखीकरण कार्यक्रम’ का आयोजन किया गया है। उक्त बातें गगहा क्षेत्र के पीएमश्री विद्यालय सेमरी में आयोजित बैठक में विद्यालय के प्रधानाध्यापक मनोज कुमार मिश्र ने कही। इस बैठक में; बच्चों के नियमित स्वास्थ्य संबंधी, घर की वस्तुओं और सामग्री से बच्चों के सीखने हेतु खेल की सामग्री बनाए जाने, पूर्व प्राथमिक शिक्षा का महत्व और संबंधित प्रस्तावित गतिविधियां, आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन में विद्यालय की भूमिका, आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के सीखने की व्यवस्था, घर में खेल खेल में बच्चों को सीखने की तैयारी, घर पर भाषा सीखने की तैयारी.. आदि पर विस्तार से प्रोजेक्टर के माध्यम से सभी उपस्थित माताओं को जानकारी दी गई। और अंत में माताओं ने अपने मन की बात को प्रस्तुत किया।
आंगनबाड़ी कंचन तिवारी और पंचायत सहायक अनीता तिवारी, आशा वीना देवी और सोनकली ने इस कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन में प्रमुख भूमिका निभाई।
इस अवसर पर सहायक अध्यापक राम सिंह, गुलाब, अशोक कुमार चौहान और प्रिंस सहित भारी संख्या में अभिभावक माताएं उपस्थित रहीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *