श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन भगवान श्रीकृष्ण प्रागटय बाल लीला गोवर्धन पुजा का किया गयावर्णन

महाराष्ट्र रायगढ़

संवाददाता- मनोज कुमार सिंह
पनवेल, रायगड।
खांदा कॉलोनी सेक्टर-1 में अवस्थित श्री शनि हनुमान मंदिर परिसर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं पर चर्चा हुई। प्रसंगानुसार जीवंत झांकी निकाली गयी। श्रद्धालुओं ने गीत-नृत्य का आनंद उठाया। इस बीच कथावाचक ने भगवान की माखन चोरी लीला और पूतना वध जसे रोचक प्रसंग पर विस्तार से प्रकाश डाला। वाणीभूषण हरिदासजी पिपरे महाराज (आलंदीकर) कोटेश्वर संस्थान कुटारा जी ने कहा कि भगवान की लीला जीवनोपयोगी है, इसे आत्मसात कर हम अपना यही लोक और परलोक दोनों सुधार सकते हैं। भगवान कृष्ण की लीला के प्रसंग को सुनाते हुए बताया कि भगवान को जो भाव से थोड़ा देता है उसे भगवान संपूर्ण सुख प्रदान कर देते हैं।

वाणीभूषण हरिदासजी पिपरे महाराज ने गिरिराज पूजनोत्सव के सरस वर्णन से कथा का विस्तार किया। सरस प्रसंगो, आख्यानों, एवं संगीतमय भजनों पर श्रोता जमकर झूमे एवं भावविभार हो गए। मोहक झाकियों के माध्यम से प्रभु की सरस ललित ब्रज लीलाओं का प्रस्तुतीकरण किया गया। जिसे देखककर श्रोता मंत्रमुग्ध हो गये।
कथावाचक ने गोवर्धन पर्वत की कथा सुनाते हुए कहा कि इंद्र के कुपित होने पर श्रीकृष्ण ने गोवर्धन उठा लिया था। इसमें ब्रजवासियों ने भी अपना-अपना सहयोग दिया। श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों की रक्षा के लिए राक्षसों का अंत किया तथा ब्रजवासियों को पुरानी चली रही सामाजिक कुरीतियों को मिटाने एवं निष्काम कर्म के जरिए अपना जीवन सफल बनाने का उपदेश दिया। इसके जरिये जलवायु एवम प्राकृतिक संसाधन का धन्यवाद दिया जाता हैं | इस पूजा के कारण मानवजाति में इन प्राकृतिक साधनों के प्रति भावना का विकास होता हैं |यह पूजन यह सन्देश देता हैं कि हमारा जीवन प्रकृति की हर एक चीज़ पर निर्भर करता हैं जैसे पेड़-पौधों, पशु-पक्षी, नदी और पर्वत आदि इसलिए हमें उन सभी का धन्यवाद देना चाहिये | भारत देश में जलवायु संतुलन का विशेष कारण पर्वत मालायें एवम नदियाँ हैं| इस प्रकार यह पूजन इन सभी प्राकृतिक धन सम्पति के प्रति हमारी भावना को व्यक्त करता हैं
इस मौके पर मंदिर में गिरिराज पर्वत की झांकी सजाई गई एवं अन्नकूट एवं छप्पन भोग लगा कर श्रद्घालुओं को प्रसादी वितरित की गई।
इस अवसर पर बाल प्रतिभा मंच के वरद- कृष्ण, कमलेश- बलराम, अस्मित- पेंदया व प्रिंस- सुदामा यह बाल गुणी कलाकारों ने अपनी भक्ति भाव पूर्ण प्रस्तुति दी। उनके प्रयास को हर उपस्थित जन ने सराहा। ऐसा कोई न था जिसने खड़े हो कर ताली न बजाई हो। इन् बच्चो की कला और भक्ति पूर्ण समपर्ण की जितनी प्रशंसा की जाये, कम है।


वही कलाकार नंदु महाराज शिंदे (गायक), अंकित देशमुख (आर्गन, कुटासा), प्रमोद बारखडे (पैड वादक), दर्शन राऊत (तबला, अमरावती), काले महाराज (मुडग़ांव, झांकी), शिवहरि धांडे  ने भी प्रस्तुतियां देकर माहौल को भावविभोर कर दिया। महाराज द्वारा कथा वाचन के दौरान भजनों की प्रस्तुति ने श्रद्धालुओं को भक्ति में तल्लीन होकर झूमने पर मजबूर कर दिया।


वारकरी सांप्रदाय प्रसारक मंडल, खांदा कॉलोनी के सभासद- शिवाजी थोरवे, मारुती मोरे, रघुनाथ काले, पंढरीनाथ जाधव, अजिनाथ बांगर, सुरेश पाटील, विश्वनाथ फडतरे, रुषीकेस देशपांडे, जनार्दन जले (साउंड सर्विस) नंदू वाघ आदि के द्वारा श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया गया है। वही वारकरी सांप्रदाय प्रसारक मंडल, खांदा कॉलोनी के सभासदों ने कहा कि 8 सितंबर को सुबह 9 बजे से 11 बजे तक भजन कीर्तन प्रमोद महाराज पानबुडे, नारायणपुर वर्धा द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा। साथ ही विशाल भंडारे का आयोजन किया गया है। जिसमें अधिक से अधिक संख्या में श्रद्धालु उपस्थित हो और भजन कीर्तन का आनंद लेते हुए प्रसाद ग्रहण करें।