उत्तराखंड के टनल में फँसे मजदूरों के जीवित निकलने के लिए महाकाल से सामूहिक याचना

गोरखपुर

तहसील संवाददाता- नरसिंह यादव, बांसगांव, गोरखपुर

विकास छेत्र कौड़ी राम के अंतर्गत ग्राम सभा बासुडीहा में आयोजित प्रज्ञा पुराण कथा और एक सौ आठ कुण्डीय यज्ञ के आज दूसरे दिन यजमानों ने समस्त देवी देवता का आह्वान कर, अग्नि देवता को आहुति प्रदान कर विश्व कल्याण की प्रार्थना की। महाकाल और महाकाली को विशेष आहुति देकर उत्तराखंड के टनल में ग्यारह दिन से मौत और जीवन के बीच जूझ रहे 41 मजदूरों की जिंदगी बख्श देने की सामूहिक प्रार्थना की गई।
यज्ञ के आज दूसरे दिन 108 हवन कुंडों पर 108 दम्पति समिधा के साथ बैठे। यज्ञचार्य के निर्देशन में हर एक देवी देवता का आह्वान करके, विभिन्न तिर्थों का व अपने -अपने पितरों का स्मरण कर उनके आशीर्वाद प्राप्त करने का एहसास करते हुवे मन्त्रोंचार के बीच आहुति दिया। यज्ञ के दौरान सभी यजमान तब रोमांचित हो गये जब उन्हें यज्ञचार्य ने बताया कि अब पांच आहुति हम उन मजदूरों की जान बख्शने के लिए महाकाल और महाकाली को देंगे। मन ही मन हम उनसे याचना करेंगे कि ग्यारह दिन से उत्तराखंड के टनल (सुरँग )में फँसे मजदूरों को जीवन दान दें। वे शीघ्र सकुशल बाहर आएं, जिन्हे निकालने के लिए भारत सरकार, उत्तराखंड सरकार और विदेशी वैज्ञानिक अथक प्रयास कर रहे हैं।
जब यज्ञआचार्य ने मन्त्र जाप कर स्वाहा बोला तो अति उत्साह के साथ स्वाहा बोलते हुवे यजमानो ने अग्नि कुंड में आहुति दी। जय महाकाल और जय महाकाली के भक्तों ने उद्घोष भी किया। जिससे पूरा पांडाल गूंज उठा।
लोग चर्चा कर रहे थे कि राष्ट्र निर्माण में लगे मजदूर जब कार्य कर रहे थे तभी ऊपर से गीली मिट्टी सरक कर टनल में गिरने लगी, जिससे टनल दो भाग में बंट गया।41मजदूर टनल में फँसे रह गये। पाईप के जरिये उनके तक आक्सीजन, दवा, बिस्किट, पानी, जूस, वाकी टाकी, कैमरा आदि भेजे गये। टनल में फँसे मजदूरों से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री, भारत के प्रधानमंत्री वाकी टाकी से बात किया जिससे मजदूरों का हौंसला बढ़ा और मजदूरों के परिजनों को भी भरोसा हुवा कि मेरे परिजन सुरक्षित हैं।
उम्मीद है कि आज दे रात सभी मजदूर टनल से बाहर आ जायेंगे।