भारतीय नौसेना ने समयबद्ध तरीके से नागरिक मानव संसाधन प्रबंधन के सभी पहलुओं का समाधान करने के क्रम में नौसेना के असैन्य लोगों के प्रशासन, दक्षता और कल्याण में सुधार के लिए 2024 को ‘नौसेना असैन्य वर्ष’ घोषित किया है। 2024 में कार्यान्वयन के लिए प्रशासनिक दक्षता, डिजिटल पहल, सामान्य और विशिष्ट प्रशिक्षण कार्यक्रमों और कल्याणकारी गतिविधियों को अधिकतम करने के संदर्भ में इन प्रमुख फोकस क्षेत्रों की पहचान की गई है।
नौसेना के असैन्य कार्मिक भारतीय नौसेना के कुल कार्यबल का लगभग एक तिहाई हिस्सा हैं और नौसेना के सभी क्षेत्रों में परिचालन प्रभाव में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। असैन्य कर्मी नौसेना संरचनाओं जैसे कमान मुख्यालय, डॉकयार्ड, सामग्री संगठन, नौसेना आयुध डिपो, नौसेना आयुध निरीक्षणालय, प्रशिक्षण प्रतिष्ठान और कई अन्य प्रकार की सहायता इकाइयों के समग्र प्रदर्शन को प्रभावित करते हैं।
असैन्य कर्मियों के बीच संगठनात्मक दक्षता और संतुष्टि के स्तर को बढ़ाने के लिए पहले भी कई पहलों की परिकल्पना की गयी है और इनका कार्यान्वयन किया गया है। हालाँकि, यह जरूरी है कि उनके प्रशासन, प्रशिक्षण, कल्याण आदि को बढ़ावा दिया जाए, ताकि वे भारतीय नौसेना को युद्ध के लिए हमेशा तैयार, विश्वसनीय, एकजुट और भविष्य के लिए सक्षम बल बने रहने में प्रभावी ढंग से योगदान दें सकें। 2024 को उनके लिए समर्पित वर्ष के रूप में घोषित करना इसी दिशा में एक कदम है।