राजनीति और सामाजिक क्षेत्र में सभी के लिए ‘सर’ बने, सम्मानित, संवेदनशील नेतृत्व को महाराष्ट्र खो दिया।

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  • मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के प्रति उनके पूर्वज मुख्यमंत्री मनोहर जोशी की श्रद्धांजलि।

मुंबई,  शिक्षा क्षेत्र में ‘सर’ के रूप में और लोकसभा के अध्यक्ष के रूप में ‘स्पीकर सर’ के रूप में अद्भुत योगदान देने वाले महाराष्ट्र के बेटे को हमने खो दिया है, इस प्रकार के दुखद भावना को व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ज्येष्ठ नेता माजी मुख्यमंत्री मनोहर जोशी को संवेदनापूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की है। हमारे लिए व्यक्तिगत स्तर पर यह बड़ा नुकसान है, जो मुख्यमंत्रियों ने महाराष्ट्र के विकास की दृष्टि से एक संस्कृत, विचारशील नेता को मुक्त किया।

मुख्यमंत्री के शोक संदेश में कहा गया है, ‘नगरसेवक, महापौर से लेकर राज्य के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और लोकसभा के अध्यक्ष तक, उनका सफर राजनीति-सामाजिक क्षेत्र में आने वाली पीढ़ियों के लिए दीपस्तंभ की भांति मार्गदर्शक रहता है। हिंदू हृदय सम्राट शिवसेना के प्रमुख आदरणीय बालासाहेब ठाकरे के विचारों को वे सच्चे पाई के रूप में स्वीकार करते थे। वे शिक्षक, उद्योजक, सामाजिक कार्यकर्ता, कला-साहित्य और सांस्कृतिक क्षेत्र में अग्रगण्य थे। राजनीतिक और संसदीय लोकतंत्र पर गहरा विश्वास रखने वाले बहुआयामी व्यक्तित्व थे। जहां जहां उन्होंने काम किया, वहां वहां उन्होंने अपने कार्य का ठोस प्रमाण दिया। ‘स्वच्छ मुंबई – हरित मुंबई’ इस उनका ध्यान रहा। उन्होंने इस पर लेख भी लिखा। उन्होंने अखिल भारतीय महापौर परिषद के अध्यक्ष पद को भी सजाया। राष्ट्रीय विपक्ष के नेता संघ की स्थापना भी की थी। जागतिक मराठी चैम्बर

ऑफ कॉमर्स और इंडस्ट्री की स्थापना उनके नेतृत्व में हुई थी। महाराष्ट्र में विकास के लिए उन्होंने ‘एडवांटेज महाराष्ट्र’ और कृषि के विकास के लिए ‘एग्रो एडवांटेज महाराष्ट्र’ जैसे उत्कृष्ट योजनाओं को जीवंत किया। महाराष्ट्र के महत्वपूर्ण सुविधाओं के विकास का एक्सप्रेस-वे रूप उन्होंने कहा कि मुंबई – पुणे एक्सप्रेस वे उनके कार्यकाल में ही साकार हो गया। सिंचाई के कृष्णा क्षेत्र के विकास मण्डल की शुरुआत भी उनके कार्यकाल में ही हुई थी। ‘टैकरमुक्त महाराष्ट्र’ भी उनकी घोषणा थी। महाराष्ट्र भूषण, राज्य के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार की भी शुरुआत उनके नेतृत्व में ही हुई थी। लोकसभा के अध्यक्ष के पद की उनकी कार्यकारी योग्यता भी विशिष्ट रही। वहाँ भी वे एक कठोर नेता और सभी पक्षों के लिए आदरणीय थे। उनकी प्रतिभा को और उनकी वाणी को पहचाना जाता था। शिवसेना के लिए यह भी बड़ा नुकसान है। हमारे सभी के आदरणीय और मार्गदर्शक ‘सर’ अब हमारे साथ नहीं हैं। उनके परिवार, सहकर्मी और समर्थकों पर भी इसका प्रभाव पड़ा है। उन्हें सहन करने की ईश्वर से प्रार्थना की जाती है। मुख्यमंत्री ने ज्येष्ठ नेता, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी को श्रद्धांजलि अर्पित की है।