संवाददाता , नरसिंह यादव, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
- पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी ने ED की कार्रवाई के बाद सोशल मीडिया पर दी प्रतिक्रिया
मेरे साथियो,
जिस तरह किताबों पर धूल जम जाने से कहानी मिटा नही करती ठीक उसी तरह ताकत के नशे में चूर किसी अहंकारी नेतृत्व के दमनकारी नीतियों..कृत्यों और गीदड़ भभकियों से हम भी मिटने वाले नही हैं और मिटना भी पड़ा तो झुकने वाले नही हैं… अगर अब भी सूबे के मुखिया को यह बात समझ में नहीं आ रही तो यह उनका दुर्भाग्य है .. हम पंडित हरिशंकर तिवारी जी के संस्कारों और पदचिन्हों पर चलने वाले लोग हैं जो ब्राह्मण स्वाभिमान के प्रतीक रहें हैं .. यदि बात हम तक होती तो शायद हम समझौता कर लेते पर बात ब्राह्मण स्वाभिमान की है जिसे तमाम झंझावातों के बावजूद पंडित जी ने बचाए रखा .. कई बार इसके पहले भी सत्ताधीशों की क्रूरता का सामना हमे करना पड़ा .. रासुका .. टाडा जैसे क्रूरतम कानूनों के सहारे तात्कालिक सरकारों ने उन्हे कुचलने की कोशिश की थी पर सवाल तब भी ब्राह्मण स्वाभिमान का था और आज जब ई डी और सी बी आई जैसी संस्थाओं का दुरुपयोग करते हुए हमे कुचलने की कोशिश हो रही है तब भी बात ब्राह्मण स्वाभिमान की है जिससे समझौता नहीं होगा .. बात राम राज्य की की जा रही है और कोई छद्म भगवाधारी कपटी तथाकथित ऋषि सांबुक जो आज सत्ता शिखर पर है प्रतिकात्मक रूप से त्रेता युग का बदला ब्रम्हर्षी बशिष्ठ से आज लेने की कोशिश कर रहा है ..
खैर हम ब्रह्मऋषि वशिष्ठ के वंशज हैं तो भगवान परशुराम के भक्त भी .. यह बात वे न भूलें तो ही बेहतर अन्यथा यह तो तय हैं कि हम अंतिम श्वांस तक स्वाभिमान से कोई समझौता नहीं करेंगे !!