“ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो” पुरस्कार समारोह में प्रधानमंत्री का वक्तव्य

दिल्ली समाचार सरकारी क्षेत्र

Your Majesty, the King of Bhutan,
Your Majesty, the Fourth King,
Esteemed Members of the Royal Family,
Your Excellency, Prime Minister शेरिंग तोबगे,
और, भूटान के मेरे प्यारे दोस्तों,
नमस्कार,

कुजू जांगपोला

Your Majesty, आज एक भारतीय के नाते मेरे जीवन का बहुत बड़ा दिन है। आपने मुझे भूटान के सर्वोच्च राष्ट्रीय अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। हर अवार्ड अपने आप में विशेष होता है। लेकिन जब किसी अन्य देश से अवार्ड मिलता है, तो ये भरोसा मजबूत होता है कि हम दोनों देश सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। हमारा ये विश्वास भी बढ़ता है कि हमारे प्रयासों से दोनों देशों के लोगों का कल्याण हुआ है।

हमें और अधिक परिश्रम करने का उत्साह मिलता है, ऊर्जा मिलती है। लेकिन, यह सम्मान मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है। ये भारत और 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है। भूटान की इस महान भूमि पर, मैं सभी भारतवासियों की ओर से यह सम्मान नम्रता से स्वीकार करता हूँ । और इस सम्मान के लिए, आपका और भूटान की जनता का हृदय से कोटि-कोटि धन्यवाद करता हूँ ।

Your Majesty,

140 करोड़ भारतवासी जानते हैं कि भूटान के लोग उनके अपने परिवार के सदस्य हैं। भूटान के लोग भी यह जानते हैं, मानते हैं, कि भारत उनका परिवार है। हमारे संबंध अटूट हैं, हमारी मित्रता अटूट है। हमारा आपसी सहयोग अटूट है, और सबसे बड़ी बात है हमारा विश्वास भी अटूट है। और इसलिए, मेरे लिए आज का ये दिन बहुत विशेष है। सुखद संयोग से, अभी तीन दिन पहले ही His Royal Highness का जन्मदिन भी था। दो दिन पहले ही हमने International Happiness Day भी celebrate किया। मौसम ने थोड़ी सी चुनौती अवश्य दी, लेकिन वो भारत-भूटान की दोस्ती और मेरे यहाँ आने में बाधा नहीं बन पाया। इसलिए, ये अवसर और भी खास हो जाता है।

Your Majesty, Excellencies, Friends,

भारत और भूटान के संबंध जितने प्राचीन हैं, उतने ही नवीन और सामयिक भी हैं। 2014 में जब मैं भारत का प्रधानमंत्री बना, तो मेरी पहली विदेश यात्रा के रूप में भूटान आना स्वाभाविक था। और, मुझे वो दिन याद है कि जब 10 वर्ष पहले मैं ड्रुक युल – यानि The Land of the Thunder Dragon आया था। भूटान द्वारा उस स्वागत, उस गर्मजोशी ने प्रधानमंत्री के रूप में मेरी कर्तव्य यात्रा की शुरुआत को यादगार बना दिया था।

Your Majesty,

भारत और भूटान एक साझी विरासत का हिस्सा हैं। भारत भगवान बुद्ध की भूमि है, उनकी तपस्थली है। भारत वह भूमि है जहां बुद्ध को बोध प्राप्त हुआ था। भूटान ने भगवान बुद्ध की उन शिक्षाओं को आत्मसात किया, उन्हें संरक्षित किया। महान शब्दरुं गनामगयाल की इस धरती पर आकर आज भी वो आध्यात्मिक ऊर्जा अनुभव होती है। गुरु पद्मसं भव के आशीर्वाद से इस धरती ने वज्रयान शिक्षाओं को आज भी जीवंत रखा है। सभ्यता को सादगी में ढालने की ये कला, भौतिकता और आध्यात्मिकता में सामंजस्य की ये समझ, Happiness, prosperity और traditions का ये संतुलन, मैं इन्हें पूरे विश्व के लिए भूटान का मार्गदर्शन मानता हूँ ।

Your Majesty,

मुझे खुशी है कि भूटान की इतनी समृद्ध विरासत को आप एक आधुनिक विज़न के साथ आगे बढ़ा रहे हैं। आपके नेतृत्व में भूटान मं डला के साथ Modernity की ओर बढ़ रहा है। आपके नेतृत्व में भूटान तकसंग के साथ Technology,और, Inner Joy के साथ Innovation की ओर बढ़ रहा है। भूटान ने विश्व को Gross National Happiness जैसा विजनरी फ्रेमवर्क दिया है। मैं विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि भूटान की Mindfulness City भी विश्व के लिए प्रेरणा बनेगी। इसी तरह, कोविड-19 ग्लोबल pandemic का उदाहरण भी हमारे सामने है। भारत उस समय भूटान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा था। उस मुश्किल समय में मैंने Your Majesty, आपकी संवेदनशीलता को, प्रशासनिक कुशलता को बहुत करीब से देखा है। इसलिए, मुझे विश्वास है कि आपके नेतृत्व में भूटान टेक्नोलॉजी, इनफ्रास्ट्रक्चर और manufacturing में नई ऊँचाइयाँ छुएगा। आज जब दुनिया climate change जैसी चुनौतियों से जूझ रही है, तब भूटान की ये कार्बन न्यूट्रल प्रगति विश्व को रास्ता दिखाएगी।

साथियों,

हमें गर्व है कि His Majesty the King के गेलेफू जैसे विजनरी प्रोजेक्ट्स में भारत को सहयोग देने का अवसर मिल रहा है। भारत और भूटान के युवाओं की आकांक्षाएँ एक जैसी हैं। हमारे लक्ष्य एक जैसे हैं। भारत ने 2047 तक विकसित देश बनने का लक्ष्य तय किया है। वही भूटान ने 2034 तक हाई इनकम देश बनने का लक्ष्य रखा है। आपके इस लक्ष्य को पूर्ण करने के लिए, ‘BB’ यानि Brand Bhutan और Bhutan Believe, दोनों को सफल बनाने के लिए, भारत हर कदम पर आपके साथ खड़ा है। मैं आपको ये भरोसा भी दिलाता हूँ कि आने वाले पाँच वर्षों में हम दोनों देशों के पारस्परिक सहयोग को नई ऊंचाई देंगे। हम भारत-भूटान के बीच connectivity, Infrastructure, trade और energy sector में नई संभावनाओं पर काम करेंगे। बेहतर Air connectivity के लिए नया एयरपोर्ट हो, गेलेफु से कोकराझार, सामचि से बनरहाट के बीच नए रेल लिंक हों, ब्रह्मपुत्र के जरिए वाटरवेज़ का संचालन हो, जल्द ही हम इन्हें तेजी से पूरा होता देखेंगे। ट्रेड इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूती देने के लिए Integrated Check Posts भी बनाए जाएंगे। हमेशा की तरह भूटान सरकार की तेरहवीं पंचवर्षीय योजना के लिए भी हमारा पूरा सहयोग और समर्थन रहेगा। मैं भूटान के मेरे भाइयों-बहनों के बीच ये घोषणा भी करना चाहता हूँ कि अगले पाँच वर्षों में भारत सरकार इस दिशा में 10 हजार करोड़ रुपये का सहयोग करेगी।

साथियों,

हमारे रिश्तों की घनिष्ठता का आधार B2B के साथ-साथ P2P भी है। B2B यानी – भारत To Bhutan, और P2P यानी- People To People हमारा कनेक्ट! हमारे B2B संबंध बुद्ध और गुरु रिंपोशे से जुड़े हैं। हमारे B2B संबंध हिमालय और पवित्र नदियों से जुड़े हैं। इसी तरह, हमारे P2P संबंधों में भी हजारों वर्षों का अपनापन है। और अब तो, हजारों लोग, जिन तक वाटर सप्लाइ प्रोजेक्ट का लाभ पहुँच रहा है, जिन्हें कृषि और पशुपालन डेवलपमेंट प्रोग्राम का लाभ मिल रहा है, दामचू-चुखा रोड से जिनका जीवन बदला है, वे बच्चे, एजुकेशन प्रोग्राम से जिनका भविष्य संवरा है, थिंपु के मदर एण्ड चाइल्ड अस्पताल से जिन्हें स्वस्थ जीवन मिला है, वे सब साथी अब भारत भूटान के P2P सम्बन्धों का नया आधार बने हैं।

जो युवा लॉ स्कूल में पढ़ रहे हैं, जो sports academies में ट्रेनिंग कर रहे हैं, जो भूटानी छात्र स्कॉलरशिप पर भारत पढ़ने आ रहे हैं, जो युवा अब ग्यालसुंग अकादमी में ट्रेनिंग लेंगे, ये सब भारत और भूटान की P2P partnership का आधार भी हैं, और हमारे इन संबंधों के उज्ज्वल भविष्य की गारंटी भी हैं।

साथियों,

भारत और भूटान मिलकर कई futuristic projects पर काम कर रहे हैं। हम मिलकर हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट्स का निर्माण कर रहे हैं। भूटान के प्रोजेक्ट्स से उत्पन्न होने वाली बिजली भारत को निर्यात की जा रही है।इससे भूटान को फोरेक्स का लाभ मिल रहा है। हमारी ये पार्टनर्शिप land और वॉटर तक ही सीमित नहीं है। भूटान अब स्पेस में भी भारत का पार्टनर है। भूटान के वैज्ञानिकों ने ISRO के साथ मिलकर भारत-भूटान सैटेलाइट लॉन्च किया है। शिक्षा और capacity building में भी हमारा काफी गहरा सहयोग रहा है। भूटान के कई generations को भारत के teachers ने पढ़ाया है। अब भारत ने STEM teachers भूटान में शिक्षा देने के लिए यहां सेवारत है। पिछले दशक में भूटान के सभी स्कूल और colleges में डिजिटल libraries खोली गईं हैं। अब स्पेस टेक्नोलॉजी से भी दूर-दराज के इलाकों में शिक्षा पहुंचाई जा रही है। और, हम सहयोग के साथ-साथ एक दूसरे की सफलताओं को भी सेलिब्रेट करते हैं। जब भारत का मिशन चंद्रयान सफल हुआ था, तब भूटान के भी लोग उतनी ही खुशी से भर गये थे उन्होंने भी ख़ुशी मनाई थी जितनी भारत के लोगों ने मनाई थी। His Majesty मुझे पत्र लिख कर उस ऐतिहासिक दिन पर बधाई दी थी, हमारे वैज्ञानिकों का उत्साह बढ़ाया था। और, जब भूटान के युवा पाओ दोर्जी की फिल्म “लुनाना”, ऑस्कर के लिए नामांकित हुई, तो भारत के लोग उतने ही खुश थे जैसे अपना कोई ऑस्कर के लिए जा रहा है।

यही अपनापन हमारे रिश्ते को अनूठा बनाता है। और अभी मैं cultural programme देख रहा था, जिस प्रकार से, भारत की विशिष्टताओं को, भारत की साम्प्रदायिक परम्परा को, भारत के गीत, संगीत, नृत्य को, या ख़ासकर मेरे गुजरात को, आपने जिस प्रकार से यह प्रस्तुत किया, कितने दिन मेहनत की होगी, इसका मैं अंदाज़ा लगा सकता हूँ, लेकिन भारत आपके दिल में बसता है, तभी तो ऐसा अयोजन होता है और इसलिए मैं बहुत बधाई देता हूँ आपको।

साथियों,

आज भारत विश्व की सबसे तेज गति से प्रगति कर रही पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। आज की उपलब्धियों को आगे ले जाने के लिए हमने 25 वर्ष के अमृतकाल का संकल्प लिया है। शीघ्र ही हम विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहे हैं। हमारी इस यात्रा में भूटान एक मजबूत भागीदार होगा। मैं इस अवसर पर, सभी भारतवासियों की ओर से His Majesty, the FourthKing का विशेष आभार व्यक्त करता हूँ । मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में आपके सहयोग और मार्गदर्शन से हम नई ऊंचाइयों को छुएंगे।

मैं His Majesty, अपने भाषा में जिस प्रकार से अपनी भावना व्यक्त की है, मुझे जो सम्मान और गरिमा दी है, आपने citation में भी अवार्ड के साथ, अपने एक-एक शब्द जो लिखा है, मैं नहीं जानता हूं कि मेरी योग्यता कितनी है, लेकिन आपने जो कुछ भी लिखा है, आपने जो कुछ भी कहा है, हो सकता है उन मुद्दों को लेकर उन भावनाओं को लेकर के मैं अपने जीवन को भी ढालू, अपने कारियों को भी आगे बढ़ाऊँ, ताकी आपकी जो मनोकामना है, आपने जो विचार व्यक्त किया है, उसको मैं भविष्य में साकार कर के भारत Bhutan को इन संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में निमित बन सकूं।

इसी भाव के साथ, एक बार फिर आपके इस प्यार और सम्मान के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।

कदरिंछे , ताशी दे ले।