जुहू पर प्रस्तुत की गईं प्रभु श्री झूलेलाल की झांकी

महाराष्ट्र मुंबई राष्ट्रीय समाचार


मुंबई, जुहू-चौपाटी में सोमवार की सुबह 7 बजे अरब सागर के सम्मुख प्रभू श्री झूलेलाल की महाआरती का आयोजन किया गया. आरती से पहले भगवान श्री झूलेलाल की 12 फीट की प्रतिकृति, ध्वजा- पताका समेत जुहू पर उतरी गईं.
महाआरती के दौरान खार- बांद्रा- सांताक्रूज का सिंधी समाज बड़ी संख्या में उपस्थित था. सहयोग फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ राम जाव्हरानी उपस्थित थे. कार्यक्रम के आयोजक किशोर मनियाल ने बताया कि झूलेलाल भगवान हम सिन्धीयों के ‘इष्ट देव’ है।हम उन्हें वरुण (जल देवता) का अवतार मानते हैं और वरुण देव को हम सागर के देवता, सत्य के रक्षक और दिव्य दृष्टि वाले देवता के रूप में जानते है. विश्व भर में बसा सारा सिंधी समाज अपने तमाम कामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान झूलेलाल को पूजता है. हमारा ये परम विश्वास है,कि जल से सभी सुखों की प्राप्ति होती है और जल ही जीवन है. कार्यक्रम का आयोजन जुहू स्थित पाम ग्रुव होटल के पास शिवाजी महाराज की मूर्ति के सामने किया गया था.


उन्होंने यह भी बताया कि चेटी चंद को इष्टदेव उदेरोलाल के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है, जिन्हें “झूलेलाल” के नाम से भी जाना जाता है. सिंधी समाज का मानना ​​है कि उदेरोलाल का जन्म 1007 में हुआ था . मुस्लिम राजा मिर्कशाह द्वारा सताए जाने से बचाने के लिए उन्होंने सिंधु नदी के तट पर हिंदू भगवान वरुण देव से प्रार्थना की थी और झूलेलाल प्रकट हुए थे और उनकी रक्षा की थी. इसीलिये हम झूलेलाल को भगवान मानते हैं.