आजमगढ़, उत्तर प्रदेश – जनपद आजमगढ़ के कप्तानगंज थाना क्षेत्र में एक जघन्य हत्या की घटना का सफल अनावरण करते हुए पुलिस ने तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है। यह हत्या जमीन के खरीद-फरोख्त से जुड़े पैसों के विवाद में की गई थी, जिसमें मृतक त्रिवेणी शुक्ला को निर्दयता से गला घोंटकर मार दिया गया और उसका शव झाड़ियों में फेंक दिया गया था।
यह मर्मस्पर्शी घटना तब प्रकाश में आई जब वादी चंद्रजीत प्रसाद शुक्ल, निवासी कप्तानगंज, ने अपने भाई त्रिवेणी शुक्ला की गुमशुदगी की सूचना थाना कप्तानगंज में दी। त्रिवेणी शुक्ला दिनांक 25.08.2024 को शाम 4 बजे से अपने घर से लापता थे। इसके बाद उनके शव का पता कप्तानगंज थाना क्षेत्र की झाड़ियों से चला, जिसने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी। वादी ने अपनी तहरीर में आरोप लगाया कि चंद्रकेश यादव और अन्य ने मिलकर इस हत्या को अंजाम दिया है। घटना की गंभीरता को देखते हुए थाना कप्तानगंज में मु0अ0सं0- 269/24 धारा 103, 238 BNS के तहत मामला पंजीकृत किया गया और विवेचना प्रारंभ की गई। पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना के निर्देशन में इस जघन्य हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए विशेष टीम का गठन किया गया।
पुलिस की गहन जांच के बाद इस हत्या के पीछे छिपे कारणों का खुलासा हुआ। पूछताछ में गिरफ्तार अभियुक्तों ने स्वीकार किया कि चंद्रेश यादव ने जमीन के खरीद-फरोख्त के विवाद में त्रिवेणी शुक्ला की हत्या करवाने के लिए उन्हें 5 लाख रुपये की सुपारी दी थी। अभियुक्त महेश सोनकर, आदित्य यादव और सौरभ गुप्ता ने इस साजिश के तहत त्रिवेणी शुक्ला को कप्तानगंज बाजार से ऑटो में बैठाया और स्टेट बैंक कस्बा कप्तानगंज के पास उतारकर मोटरसाइकिल से ग्राम रौसड़ ले गए। वहां पर उन्होंने त्रिवेणी शुक्ला को सल्फास, सिंदूर और रंग का घोल पिलाने का प्रयास किया। जब वह इसमें असफल रहे, तो गमछे से उनका गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद उन्होंने गर्दन और सीने पर पैर मारकर उनकी जान ले ली और शव को झाड़ियों में फेंककर भाग गए। अभियुक्तों की निशानदेही पर पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त गमछा और एक शीशी गोपलापुर पुलिया से बरामद कर ली है।
इस घटना का अनावरण पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना के निर्देशन में थानाध्यक्ष तहबरपुर, उप निरीक्षक चंद्रदीप कुमार और उनकी टीम की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई से संभव हो पाया। दिनांक 31.08.2024 को विवेचना के दौरान प्रकाश में आए अभियुक्त महेश सोनकर, आदित्य यादव और सौरभ गुप्ता को कादीपुर हरिकेश से समय करीब 11:40 बजे गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। यह घटना एक बार फिर से समाज में बढ़ते आपराधिक प्रवृत्तियों और पैसों के विवाद में लोगों की संवेदनहीनता को उजागर करती है। पुलिस की त्वरित और प्रभावी कार्रवाई ने अपराधियों को पकड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे पीड़ित परिवार को न्याय की उम्मीद जगी है।
इस प्रकार की घटनाओं से निपटने के लिए कानून का सख्त पालन और समाज में जागरूकता बढ़ाना अत्यंत आवश्यक है। पुलिस द्वारा समय पर उठाए गए कदम ने यह साबित कर दिया है कि कोई भी अपराधी कानून के शिकंजे से बच नहीं सकता। अब सभी की निगाहें न्यायिक प्रक्रिया पर टिकी हैं, जहां से पीड़ित परिवार को न्याय की उम्मीद है। पुलिस की इस सफलता से जनपद आजमगढ़ में कानून व्यवस्था को लेकर एक सकारात्मक संदेश गया है, जिससे अपराधियों में खौफ और जनता में सुरक्षा का विश्वास पैदा हुआ है।