संवाददाता- प्रेम कुमार शुक्ल, अमेठी
अमेठी। स्वास्थ्य व्यवस्था किसी भी जनपद के स्वास्थ्य का इंडिकेटर होता है लेकिन अमेठी जनपद में विगत कुछ महीनों से यह बेपटरी दिखाई पड़ता है। आलम यह है कि अगर किसी सीएचसी में चार चिकित्सक तैनात हैं सभी चिकित्सक ओपीडी नहीं करते हैं।बल्कि स्वतः प्रबंधन करते हुए रोस्टर लगा लिए हैं। जबकि नियम यह कहता है कि ओपीडी में सभी चिकित्सक डेली बैठेंगे और इमरजेंसी करने वाले चिकित्सक को अगले दिन की छुट्टी मिलेगी। लेकिन वास्तविकता इसके विपरीत है। कुछ चिकित्सक प्राइवेट प्रैक्टिस भी करते हैं। समस्या यहाँ तब और भी बढ़ जाती है जब कोई मरीज समुचित इलाज ना मिलने पर सीएचसी में जिम्मेदार बनाए गए प्रभारी/एमओआईसी को अपनी समस्या बताना चाहता है तो मरीजों का फोन प्रभारी द्वारा नहीं उठाया जाता है। अफसरशाही इस कदर हावी है कि सूचना जानने के लिए जब पत्रकार फोन करते हैं तो कई बार फोन करने पर भी उनका भी फोन नहीं उठाया जाता है।
अगर समय रहते सीएमओ डॉ0 आशुतोष दुबे ने इन समस्याओं का समाधान ना निकाला तो इसी प्रकार जनता परेशान होती रहेगी। आखिर सभी डाक्टर प्रतिदिन ओपीडी क्यों नहीं करते ?
क्या शासन से निर्देश है कि वो रोस्टर के अनुसार सप्ताह में सिर्फ दो दिन ही ड्यूटी करें?
क्या पति-पत्नी एक ही अस्पताल में चिकित्सक के रूप में तैनात हो सकते हैं?
सीएचसी प्रभारियों का फोन क्यों नहीं उठता है?
क्या सरकारी चिकित्सक प्राइवेट प्रैक्टिस कर सकते हैं?
यह सब कुछ सवाल हैं जिनके जवाब में शायद जनता के समस्याओं का समाधान मिल सकता है।