संवाददाता-बी.पी.मिश्र,गोरखपुर
कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सीआरसी गोरखपुर ने वर्तमान परिदृश्य में कोविड-19 के बाद दिव्यांगजनों और उनके अभिभावकों के ऊपर पडने वाले प्रभाव विषय पर ई-परामर्श श्रृंखला 127 का आयोजन किया। बतौर मुख्य वक्ता आज के महत्वपूर्ण वेबीनार में डॉ पारुल प्रसाद, सहायक प्राध्यापक, मनोरोग कैरियर इंस्टीट्यूट आँफ मेडिकल साइंसेज एंड हॉस्पिटल लखनऊ, ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में यदि देखा जाए तो करोना नामक वैश्विक महामारी के ठहराव के तदोपरांत बहुत सारे व्यक्तियों में मनोविकार हैं, जिसे स्पष्ट रूप से लोगों में चिड़चिड़ापन, भय, चिंता, उदासी आवश्यक समायोजन में कमी संबंधी विकार के रूप मे देखा जा रहा है। हालांकि कि इन सारे विकारों का पर्याप्त मात्रा में भारत में इलाज संभव है और साथ ही साथ लोग यदि अपनी जागरूकता बढ़ाएं अपने आचार-विचार विचार तथा दिनचर्या में बदलाव लाएं तो इन चीजों से आसानी से निपटा जा सकता है। साथ ही साथ डॉ प्रसाद ने कहा कि इंडियन साइकिट्री सोसाइटी के अनुसार पूरे भारत में मनोविकार संबंधी चुनौतियां 20% की गति से बढ़ी हैं। कहा जाए कि लगभग 5 लोगों में से चार लोगों को यदि मानसिक बीमारी है तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। कार्यक्रम की अन्य वक्ता मनोवैज्ञानिक सुश्री अदिति विश्वास जी ने ऑटिज्म, एडीएसडी बच्चों के साथ घर पर रहकर उनके प्रबंधन के बारे में बताया तथा उनकी गतिविधियां कैसे कराएं, उनकी गतिविधियों को रुचिकर कैसे बनाएं साथ ही साथ बच्चों का रूटीन कैसे तय करें, बच्चों के समस्यात्मक व्यवहार को किस प्रकार से कम किया जा सकता है उस पर अपनी विशेषज्ञता प्रदान की। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान के निदेशक डॉ हिमांग्शु दास के निर्देशन में संपन्न हुआ। सीआरसी गोरखपुर के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर श्री रवि कुमार ने कार्यक्रम में अपनी शुभकामना व्यक्त की। आज के कार्यक्रम में कार्यक्रम समन्वयक सहायक प्राध्यापक, मनोविज्ञान विभाग, श्री राजेश कुमार ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए भारत सरकार द्वारा संचालित मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास हेल्पलाइन किरण 18005990019 जो कि एक टोल फ्री नंबर के जरिए संचालित किया जाता है उसके बारे में सभी प्रतिभागियों को जागरूक किया तथा इसका लाभ कैसे उठाया जा सकता है उसके बारे में विस्तार से बताया। साथ ही साथ श्री राजेश कुमार यादव, पुनर्वास अधिकारी ने अतिथियों का औपचारिक स्वागत करते हुए कार्यक्रम की शुरुआत की तथा श्री नागेंद्र पांडे जी ने कार्यक्रम के अंत में अतिथियों और प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यक्रम समापन की घोषणा की। इस कार्यक्रम में लगभग 100 लोगों ने प्रतिभाग किया।