ब्यूरो रिपोर्ट हरेंद्र यादव
उत्तर प्रदेश के कानपुर के कारोबारी की गोरखपुर में मौत मामले में 3 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. मृतक के परिजनों का आरोप है कि पुलिसकर्मियों की पिटाई से कारोबारी की मौत हो गई. वहीं, कल सीएम योगी पीड़ित परिवार से मुलाकात करने जाएंगे. इससे पहले सीएम योगी पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान भी कर चुके हैं. साथ ही मामले में निष्पक्ष जांच का आश्वासन भी दिया है. बता दें कि इस मामले में एसएसपी 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित भी कर चुके हैं.
बता दें कि कानपुर के जनता नगर बर्रा निवासी मनीष प्रापर्टी डीलर का काम करते थे. सोमवार की सुबह अपने साथी हरदीप सिंह और प्रदीप के साथ कार से गोरखपुर पहुंचे. वहां पहुंचकर तीनों कृष्णा पैलेस होटल में रुके. सोमवार रात करीब 12:15 बजे रामगढ़ताल पुलिस होटल में चेकिंग करने पहुंची. इंस्पेक्टर जेएन सिंह, फलमंडी चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा के अलावा थाने की अन्य फोर्स साथ में थी. पुलिसकर्मियों ने मनीष के कमरे का दरवाजा नॉक कर खुलवाया.
पुलिस के साथ होटल का रिसेप्शनिस्ट भी था. उन्होंने सभी से अपनी आईडी प्रूफ दिखाने को कहा. मनीष के दोस्तों ने उन्हें अपना आईडी प्रूफ दिखा दिया, जबकि मनीष सो रहे थे. आईडी प्रूफ दिखाने के लिए उन्हें जगाया गया. इस पर मनीष ने पुलिस वालों से कहा कि वो लोग कोई आतंकवादी नहीं है. ये सुनते ही पुलिसकर्मी मनीष के ऊपर टूट पड़े और कमरे से मारते-घसीटते होटल के बाहर ले आये. वह खून से लथपथ था. इसके बाद पुलिस वाले उसे अपनी गाड़ी में डाल कर हॉस्पिटल ले गए, जहां मनीष की मौत हो गई.
फिलहाल मनीष की पत्नी मीनाक्षी पार्थिव शरीर लेकर अब अपने आवास आ चुकी हैं. वहीं, कानपुर पुलिस कमिश्नर आसीम अरुण मृतक के कानपुर स्थित बर्रा आवास पहुंचे. यहां परिजनों से करीब 1 घंटे तक मुलाकात चली. मृतक के चाचा ईश्वर चन्द्र गुप्ता ने मनीष की पत्नी को सरकारी नौकरी और 50 लाख मुआवजे की मांग की है. वहीं, मीनाक्षी ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करने की मांग की. वह उन्हें मनीष के साथ की गई हैवानियत के बारे में बताना चाहती हैं. आपको बता दें कि कल CM योगी कानपुर के DAV ग्राउंड में जनसभा करने वाले हैं.