श्री कृष्ण का कथन है जीवनोपयोगी :पं अरूण 

गोरखपुर

 

गोला बाजारगोरखपुर12 नवम्बर। जनपद के दक्षिणांचल में स्थित खजनी तहसील क्षेत्र के ग्राम सभा नगवा  ढकवा बाजार में चल रहे सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में शंकराचार्य आश्रम प्रयागराज से पधारे मानस मोहन  आचार्य पंडित अरुण त्रिपाठी महराज सोहगौरा ने संगीतमयी कथा का रसपान कराते हुए श्री कृष्ण के बाल चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का कथन जीवनोपयोगी है। किन्तु श्रीकृष्ण के लीलाओं को जीवन में उतारा नहीं जा सकता।लीलाओं का आनन्द लिया जा सकता है सात वर्षीय श्री कृष्ण गोपियों का वस्त्र हरण करते हैं। उस समय एक सामाजिक कुरीति नग्न स्नान को चीर हरण के माध्यम से दूर किया । इस प्रकार भारतीय संस्कृति जो सनातन संस्कृति है विश्व की प्रथम संस्कृति है जिसने संपूर्ण मानव जाति को सभ्यता का संदेश दिया सा नमः प्रथमा संस्कृति विश्वधारा।कथा का शुभारम्भ मुख्य यजमान पंडित रामसमुझ पांडेय सपत्नी  हौसला प्रसाद पांडेय पत्नी लक्ष्मी पांडेय देवेंद्र पांडेय सपत्नी ने शक्ति व्यास पीठ की आरती उतारी और कथा वाचक श्री त्रिपाठी को माल्यार्पण के पश्चात हुआ।इस अवसर पर अक्षय प्रताप चंद प्रतिनिधि जिला पंचायत सदस्य श्रीराम सिद्ध दूबे  राम नरेश दूबे मृत्यंजय दूबे मोहन दूबे शैलेश त्रिपाठी संजय त्रिपाठी पं सरयू शरण मिश्र यज्ञ संरक्षक व जिला उपाध्यक्ष कांग्रेस आई महेन्द्र नाथ मिश्रा प्राचार्य डॉ कौशलेश मिश्र सहित सहित अधिक संख्या में क्षेत्र केे श्रोतागणों ने कथा का रसपान किया

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