यज्ञ में पति का भाग न देखकर सती ने त्यागा अपना शरीर  : बाल विदुषी मधु कृष्णा  प्रिया शुक्ला

गोरखपुर

गोलाबाजार गोरखपुर 20 नवम्बर।

गोला क्षेत्र पटौहां गांव में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन बृंदाबन से पधारी कथा वाचक बाल विदुषी कृण्णा प्रिया ने श्रोताओं को दक्ष यज्ञ विध्वंस कथा  का रस पान कराते हुए बताया कि प्रजापति दक्ष की पुत्री सती शिव से ब्याही गयी थी और दक्ष ने एक यज्ञ किया,जिसमें अन्य देवताओं को निमन्त्रण दिया किंतु शिव को नही बुलाया।माँ सती अनिमंत्रित पिता के यहाँ पहुची और यज्ञ में पति का भाग न देखकर यज्ञ कुंड में अपने शरीर को त्याग देती है।

कथा को आगे बढाते हुए बाल विदुषी मधु प्रिया  शुक्ला ने कहा कि इस घटना से क्रुद्ध हो कर शिव ने अपने गणों को भेजा जिन्होंने यज्ञ का विध्वंस कर दिया। शिव सती के शव को कंधे पर लेकर विक्षिप्त घूमते रहे। जहाँ-जहाँ सती के शरीर के अंग गिरे वहाँ-वहाँ विविध तीर्थ बन गये।

अंत में मुख्य यजमान अवकाश प्राप्त शिक्षक परमहंस दुबे ने सभी आगंतुकों के प्रति आभार प्रकट किया।

इस अवसर पर जगदीश नारायण दुबे, सरयू प्रसाद, राहुल दुबे, रिंकू दुबे, सोनू दूबे, संतोष दुबे, अश्वनी दुबे, रमेश दुबे, अजय दुबे आदि भारी संख्या में जनमानस ने कथा का रसापान किया।

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