1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की अमर शहीद वीरांगना झलकारी बाई कोरी की 191वीं जयंती धूमधाम से अमेठी में मनाई गई ।

अमेठी

ब्यूरो रिपोर्ट- प्रेम कुमार शुक्ल,अमेठी

 

अमेठी | वीरांगना झलकारी बाई कोरी चेतना समिति अमेठी ने 1857 के स्वतंत्रता आंदोलन की अमर शहीद वीरांगना झलकारी बाई कोरी की 191वी जयंती मनाई और उप जिलाधिकारी अमेठी के माध्यम से भारत के महामहिम राष्ट्रपति महोदय को संबोधित मांगों को लेकर एक ज्ञापन भी सौंपा।
1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की अमर शहीद वीरांगना झलकारी बाई कोरी की 191वीं जयंती धूमधाम से अमेठी में मनाई गई । अनुयायियों ने उनके जीवन दर्शन पर आधारित झांकियां गाजे-बाजे के साथ निकाली। झांकियों ने पूरे नगर में भ्रमण किया।
ब्लॉक मुख्यालय के सम्मुख स्थापित बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के समीप वीरांगना झलकारी बाई के अनुयाई 22 नवंबर को एकत्रित हुए। बौद्ध भिक्षु धम्मपाल ने त्रिरत्न वंदना के माध्यम से कार्यक्रम की शुरुआत कराई। मुख्य अतिथि के रूप में रायबरेली से पधारे बौद्धिक एवं सामाजिक चिंतक डॉ सुनील दत्त ने वीरांगना झलकारी बाई के जीवन दर्शन पर विस्तार से प्रकाश डाला और लोगों को उनके जन्मदिन की बधाई दी। उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए वीरांगना झलकारी बाई के जन्मदिन के अवसर पर सरकार से मांग किया कि उनका कद और पद राष्ट्रीय स्तर का है। उन्होंने जाति धर्म से ऊपर उठकर देश की आन बान शान के लिए अपने प्राणों की आहुति दिया था। इसलिए उनके जन्मदिन 22 नवंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए।
वीरांगना झलकारी का जन्म 22 नवंबर 1830 को झांसी से 4 कोस दूर भोजला गांव में एक कोरी परिवार में हुआ था। उनके पिताजी का नाम सिद्धू उर्फ सदोवा कोरी था। माता का नाम यमुना देवी उर्फ लहकारी बाई था। उनका विवाह 10 वर्ष की उम्र में पूरन कोरी के साथ हुआ था। उनका रूप और कद काठी झांसी की रानी लक्ष्मीबाई से मिलता-जुलता था। इसलिए लोग अक्सर भ्रमित हो जाते थे कि असली वीरांगना झलकारी बाई कौन है। 1857 के स्वतंत्रता आंदोलन में उनका योगदान अविस्मरणीय। अंग्रेजों से मुकाबला करते हुए 5 अप्रैल 1858 को पति पूरन कोरी के साथ शहीद हो गई थी।
इस अवसर पर समिति के पदाधिकारी रामफल फौजी, सियाराम कोरी, रामचंद्र कोरी, संजय कुमार कोरी, ज्योति वर्मा, रामशंकर कोरी, करमपति कोरी, साक्षी कोरी, कोमल चक्रवर्ती आदि ने वीरांगना झलकारी बाई के जन्मदिन के अवसर पर उप जिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित 3 सूत्री मांगों का एक ज्ञापन भी सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई है कि वीरांगना झलकारी बाई के जन्मदिन 22 नवंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए। उनके मान सम्मान में अमेठी गौरीगंज बाईपास पर स्थित तिराहे पर आदम कद प्रतिमा की स्थापना की जाए। उनके नाम से खेल पुरस्कार शुरू किया गया
कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षिका कोमल चक्रवर्ती ने किया। कार्यक्रम का संचालन समाजसेवी संजय कुमार कोरी ने किया। इस अवसर पर कार्यक्रम को समाजसेवी संजीव भारती ने भी संबोधित किया। उन्होंने वीरांगना झलकारी बाई को महिलाओं के लिए आदर्श बताया। इस अवसर पर राजेश राज राजेश, जगतपाल, सुरेंद्र कुमार कोरी, धर्मराज , दीपक कुमार, निर्मल कोरी, विजय प्रधान, प्रमोद कुमार, ललित कुमार, बृजेश कुमार, रामचंद्र गुरुजी आदि लोग सम्मिलित रहे।
उमा भारती और साक्षी कोरी आदि ने वीरांगना झलकारी बाई की वेश भूसा धारण कर लोगों के आकर्षण का केंद्र बिंदु रहीं।

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