विश्वविद्यालय शोधार्थी अधिकार मंच का जिलाधिकारी कार्यालय पर धरने का ऐलान

गोरखपुर

 

 

ब्यूरो रिपोर्ट – हरेंद्र यादव, गोरखपुर

 

 

7 जनवरी को प्री पी एच डी सत्र 19-20 के प्रथम प्रश्न पत्र की परीक्षा के दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा शोधकर्ताओं के साथ छल व कपटपूर्वक बेईमानीपूर्ण आशय से दुर्भावना ग्रस्त होकर धोखें से मिथ्या दस्तावेज रचकर प्रश्नपत्र बदले जाने, फर्जी व कूटरचित पाठ्यक्रम (मुल्यवान प्रतिभूति) विश्वविद्यालय के वेबसाईट पर अपलोड करने, छल के प्रयोजन से फर्जी प्रश्नपत्र तैयार करने तथा जाति सूचक शब्द से अपमानित करने, महिला शोध छात्राओं के साथ छेड़छाड़ व अश्लील हरकत करने व हम सभी का भविष्य बर्बाद कर देने की धमकी देने इत्यादि के विरूद्ध समुचित धाराओं में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किये जाने हेतु थाना कैंट को लिखित सूचना दी गयी, लेकिन बार-बार दौड़ाने के बाद भी थाना कैंट द्वारा प्रार्थीगण की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज नहीं किया गया। ऐसी परिस्थितियों में आज सम्पन्न हुई विश्वबिद्यालय शोधार्थी अधिकार मंच की आपात बैठक में दीनदयाल उपाध्याय विश्वाविद्यालय गोरखपुर के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष अमन यादव ने बताया कि आज के बैठक मे यह निर्णय लिया गया कि यदि 14 जनवरी की शाम तक हमारे द्वारा दिए गए तहरीर पर दीनदयाल उपाध्याय के निरंकुश एवँ भ्रष्ट अधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज नहीं हुआ तो हम सभी पीड़ित शोधार्थी न्याय की माँग को लेकर कोविड प्रोटोकॉल के तहत, पूर्णतः शांतिपूर्ण ढंग से 15जनवरी मकर संक्रांति के दिन से जिलाधिकारी कार्यालय पर सत्याग्रह प्रारंभ करेंगे।

 

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